Uttar Pradesh News : मंगलवार को नए संसद भवन में लोकसभा की कार्यवाही में सरकार ने पहला बिल पेश किया. पहला ही बिल महिला आरक्षण (Women Reservation Bill) से जुड़ा है. इसे ‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ नाम दिया गया है. इस बिल में लोकसभा और विधानसभा में 33% सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित करने का प्रावधान है. वहीं इस बिल के लोकसभा में पेश होने के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद डिंपल यादव (Dimple Yadav) ने अपनी प्रतिक्रिया दी और बिल में OBC महिलाओं के लिए आरक्षण की मांग की.
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डिंपल यादव ने उठाए सवाल
महिला आरक्षण बिल पर सपा सांसद डिंपल यादव ने कहा कि, ‘सरकार को 9 साल पूरे हो गए हैं. अगर इन्हें महिला आरक्षण बिल लाना था तो ये पहले ला सकते थे. ये इसे आखिरी साल में ला रहे हैं, जब चुनाव हैं. सपा ने हमेशा इसका समर्थन किया है और हम सभी चाहते हैं कि OBC महिलाओं का भी इसमें आरक्षण निर्धारित हो क्योंकि जो आखिरी पंक्ति में खड़ी महिलाएं हैं उन्हें उनका हक मिलना चाहिए.’
कोटा के अंदर कोटा की मांग
गौरतलब है कि पिछले 27 वर्षों में इस विधेयक को जब कभी संसद में लाया गया. समाजवादी पार्टी ने इसका जमकर विरोध किया था. उन्होंने केवल इसका विरोध ही नहीं किया बल्कि विधेयक की प्रतियां भी फाड़ दी थीं. सपा ने कोटा में कोटा की मांग करती रही हैं यानि महिला आरक्षण में एससी, एसटी, ओबीसी और अल्पसंख्यक समाज की महिलाओं के लिए आरक्षण फिक्स किया जाए.
बढ़ेगी महिलाओं की भागीदारी
बता दें कि संसद के पांच दिवसीय विशेष सत्र की शुरुआत होने के साथ ही महिला आरक्षण विधेयक (Women Reservation Bill) को लागू करने की चर्चाओं ने जोर पकड़ लिया था. महिला आरक्षण विधेयक में लोकसभा और राज्य विधानसभाओं में महिलाओं के लिए 33 फीसदी या एक तिहाई सीटें आरक्षित करने का प्रस्ताव है. यानी 181 सीटें महिलाओं के लिए आरक्षित हो जाएंगी. इस विधेयक के लागू होने के बाद उत्तर प्रदेश विधानसभा और लोकसभा में यहां से चुने जाने वाले विधायकों और सांसदों में महिलाओं की भागीदारी बढ़ जाएगी.
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