उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 में बहुमत पाकर सत्ता में वापसी करने वाली भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) यूपी अब के 15 करोड़ लोगों को तोहफा देने की तैयारी कर रही है. पात्र परिवारों को राशन की सहायता आगे भी जारी रखने के लिए योगी आदित्यनाथ और मंत्रिमंडल के शपथ समारोह के बाद होने वाली पहली कैबिनेट बैठक में फैसला लिया जा सकता है. इसके पीछे लाभार्थी परिवारों के साथ खड़े रहने की योजना है, तो वहीं मिशन 2024 के लक्ष्य के लिए जमीन तैयार करना भी है.
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यूपी में दोबारा सत्ता में लौटी बीजेपी सरकार के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और मंत्रियों के शपथ ग्रहण समारोह की तैयारी शुरू हो गई है। लोगों में मंत्रियों के सम्भावित नाम को लेकर चर्चा है, तो वहीं योगी कैबिनेट की पहली बैठक पर भी लोगों की नजर है. वजह ये कि पहली ही कैबिनेट में योगी सरकार अपनी प्राथमिकता के बिंदुओं पर बड़ा फैसला लेने की तैयारी में है.
हालांकि अभी औपचारिक तौर पर सरकार के गठन के बाद ही कोई निर्णय हो सकता है, पर इसको लेकर विभागीय तैयारी की चर्चा है.
सूत्रों के अनुसार योगी सरकार प्रदेश में पात्र परिवारों को फ्री राशन देने की योजना को विस्तार देगी. इसके लिए खाद्य और रसद विभाग ने प्रस्ताव तैयार कर शासन को भेजा है. अभी प्रदेश में इस योजना के 15 करोड़ लाभार्थी हैं. इस योजना की अवधि को बढ़ाया जाएगा. सूत्रों के अनुसार इस योजना को 2024 तक जारी रखने पर विचार किया जा रहा है. कोरोना काल में वंचित परिवारों को मदद देने के लिए शुरू की गई इस योजना को अभी तक जारी रखा गया है.
बता दें कि अभी कोरोना काल में लोगों के रोजगार की मुश्किलों को देखते हुए ये योजना मार्च तक बढ़ाई गई थी. पर अब इसे और विस्तार देने की तैयारी है. अगर सब कुछ ठीक रहा तो योगी सरकार की पहली कैबिनेट बैठक में ही ये सौगात मिल सकती है.B
BJP ने ‘राशन और शासन’ को बनाया था कैम्पेन
दरअसल, बीजेपी ने अपने चुनावी अभियान का हिस्सा ‘राशन और शासन’ को बनाया था. खुद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के भाषणों में राशन का जिक्र था. इसपर लोगों ने भरोसा किया. इस बार के नतीजों के विश्लेषण से पता चलता है कि बीजेपी को हर क्षेत्र में लाभार्थियों का वोट मिला है. इस योजना के तहत अंत्योदय कार्ड धारकों को 35 किलो अनाज और गृहस्थी कार्ड धारकों को प्रति यूनिट 3 किलो गेहूं और 2 किलो चावल दिया जाता है. साथ ही एक किलो चना, एक लीटर तेल और नमक भी सरकार देती है.
बता दें कि अभी विभागीय प्रस्ताव के आधार पर माना जा रहा है कि सरकार इस योजना को 6-6 महीने करके आगे बढ़ा सकती है. फिलहाल, इस पर फैसला मुख्यमंत्री को लेना है, जिसके बाद इसपर कैबिनेट की मुहर लग जाएगी.
फ्री राशन की योजना को आगे बढ़ाने पर जो राजस्व पर भार पड़ेगा, उसके लिए भी तैयारी जरूरी है. 2017 में सरकार ने लघु और सीमांत किसानों को ऋण माफी के रूप में पहली कैबिनेट में ही तोहफा दिया था. इसके अलावा छुट्टा पशुओं के लिए भी ऐलान हो सकता है. गोवंश के लिए आश्रय स्थल और cow safari बनाने की योजना भी पहली कैबिनेट के फैसलों में शामिल हो सकती है. ये मुद्दा चुनाव के दौरान उठा था और अपने भाषण में खुद प्रधानमंत्री मोदी ने इसपर बात की थी.
इस बार की बीजेपी सरकार बनाने में महिलाओं की अहम भूमिका को देखते हुए माना जा रहा है कि संकल्प पत्र में महिलाओं से किया गया कोई वायदा भी योगी सरकार पहले ही कैबिनेट में पूरा कर सकती है. फिलहाल शपथ ग्रहण की तैयारी हो रही है और मंत्रिमंडल के सम्भावित चेहरों की ओर सबकी नजर है.
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