लखीमपुर खीरी हिंसा की तुलना जलियांवाला बाग हिंसा से कर मोदी-योगी सरकार पर बरसे शरद पवार

यूपी तक

• 10:33 AM • 05 Oct 2021

लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है.…

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लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा को लेकर राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) ने केंद्र की मोदी और यूपी की योगी सरकार पर जमकर निशाना साधा है. उन्होंने लखीमपुर खीरी में किसानों के खिलाफ हुई हिंसा की कड़ी आलोचना की है. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार और उत्तर प्रदेश सरकार ने इस दुर्घटना के बारे में संवेदनहीनता दिखाई है.

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एनसीपी प्रमुख शरद पवार ने एक के बाद एक कुल 5 ट्वीट कर मोदी सरकार और योगी सरकार को आड़े हाथों लिया. उन्होंने कहा, “लखीमपुर खीरी हिंसा में हुई किसानों की मौत के लिए बीजेपी शासित यूपी सरकार और केंद्र पूरी तरह से जिम्मेदार हैं. मैं इस हिंसा की निंदा करता हूं.”

शरद पवार ने लखीमपुर खीरी में हुई हिंसा की जांच की मांग की है. उन्होंने कहा, “इसकी जांच सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा जजों को करनी चाहिए. दूध का दूध और पानी का पानी होना चाहिए. यह घटना केंद्र सरकार की नियत को दर्शाती हैं. आज उनके पास सत्ता है, इसलिए वे किसानों की आवाज दबाने की कोशिश कर रहे हैं, पर यह प्रयास सफल नहीं होगा.”

केंद्र सरकार और यूपी सरकार पर संवेदनहीनता का आरोप लगाते हुए शरद पवार ने लखीमपुर खीरी की स्थिति जलियांवाला बाग से तुलना कर दी. उन्होंने कहा, “लखीमपुर खीरी की स्थिति जलियांवाला बाग की तरह है. देश के किसान यह कभी नहीं भुलेंगे. सत्ता का दुरुपयोग हो रहा है. किसानों, आप पर हमला हो सकता है, लेकिन हम हमेशा आपके साथ हैं.”

उन्होंने आगे कहा, “अपनी मांगों के लिए किसान दिल्ली बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे हैं. आंदोलन शांतिपूर्ण ढंग से चल रहा है. हालांकि, 26 जनवरी को उन पर हमला किया गया, जिस की प्रतिक्रिया पूरे देश में फैल गई. लोकतंत्र में आपको शांति से बोलने का अधिकार है.”

क्या है लखीमपुर खीरी हिंसा का मामला?

उत्तर प्रदेश के लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में रविवार, 3 अक्टूबर को भारी हिंसा हुई. यूपी पुलिस के मुताबिक, इस हिंसा में कुल 8 लोगों की मौत हुई है. बताया जा रहा है कि हिंसा की यह घटना तिकुनिया में आयोजित कुश्ती कार्यक्रम में यूपी के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य के पहुंचने से पहले हुई थी.

आरोप है कि केंद्रीय गृह राज्य मंत्री अजय मिश्रा टेनी के बेटे आशीष मिश्रा के काफिले की गाड़ियों ने किसानों को रौंदा. हालांकि, केंद्रीय मंत्री और उनके बेटे ने इस आरोप का खंडन किया है. उनका कहना है कि आशीष मिश्रा पूरे वक्त कार्यक्रम स्थल पर थे, वह घटनास्थल पर आए ही नहीं. वहीं, इस मामले में आशीष मिश्रा समेत कुछ अन्य लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज हो गई है.

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