Mainpuri By Election: मैनपुरी लोकसभा उपचुनाव को लेकर समाजवादी पार्टी एक्शन मोड में नजर आ रही है. मैनपुरी सपा का गढ़ माना जाता है और इस गढ़ को बचाने के लिए पार्टी अपनी पूरी ताकत लगा रही है. उपचुनाव से पहले सपा चीफ अखिलेश यादव का अपने चाचा के साथ सब ‘ऑल इज वेल’ हो गया है. इसकी बानगी रविवार को देखने को मिली जब अखिलेश ने मंच से कहा कि उनकी चाचा (शिवपाल) से कभी दूरियां नहीं थीं, हां राजनीतिक दूरियां जरूर थीं, जो अब खत्म हो गई हैं. वहीं, अब चाचा-भतीजे फिर एक बार सोमवार को एक साथ जसवंतनगर में मंच साझा करेंगे.
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आपको बता दें कि जसवंतनगर के एमएस रिजॉर्ट में सोमवार को सपा और प्रसपा का कार्यकर्ता सम्मेलन आयोजित किया जा रहा है. इसमें दोनों ही दलों के नेता इकट्ठा हुए हैं. अखिलेश, शिवपाल और राम गोपाल मंच से संबोधित करेंगे. वहीं, खबर है कि डिंपल यादव भी सम्मेलन में शिरकत कर सकती हैं.
अखिलेश ने क्या कहा था?
रविवार को अखिलेश ने मंच से कहा था,
“कई बार लोग कहते हैं कि बहुत दूरियां हैं, मैं आप सब को बता दूं चाचा और भतीजे में दूरियां नहीं थीं, राजनीति में दूरियां थीं. मुझे आज खुशी है कि राजनीति की भी आज दूरियां खत्म हो गईं. अब घबराहट तो बीजेपी को हो रही होगी और इसलिए भी हो रही होगी कि वो जानते हैं कि जसवंतनगर ने अगर मन बना लिया और करहल साथ चल दिया, मैनपुरी ठीक हो गई, किशनी के लोग मन बनाए बैठे हैं और भोगांव भी जीतने जा रहे हैं तो सोचो परिणाम क्या होगा इस बार.”
अखिलेश यादव
गौरतलब है कि सपा संथापक और यूपी के पूर्व मुख्यमंत्री मुलायम सिंह यादव के निधन के बाद मैनपुरी में लोकसभा का उपचुनाव हो रहा है. इस उपचुनाव में सपा ने पार्टी चीफ अखिलेश यादव की पत्नी डिंपल यादव को टिकट दिया है. वहीं, दूसरी ओर डिंपल के सामने चुनाव मैदान में भाजपा की ओर से रघुराज सिंह शाक्य हैं, जो मुलायम सिंह यादव के शिष्य तो कभी शिवपाल यादव के खासम खास रहे हैं. अब ऐसे में यह देखना दिलचस्प होगा कि मैनपुरी की जनता मुलायम की बड़ी बहू या फिर शिष्य में से किसे जीता का आशीर्वाद देती है? बता दें कि उपचुनाव के लिए 5 दिसंबर को वोटिंग होगी जबकि 8 दिसंबर को नतीजे घोषित किए जाएंगे.
मैनपुरी उपचुनाव: अखिलेश ने कहा- चाचा-भतीजे में थी सिर्फ राजनीतिक दूरियां, शिवपाल ये बोले
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