चंद्रशेखर के बढ़ते प्रभाव के कारण मायावती ने दिल्ली में डाला डेरा? बसपा में भतीजे का कद बढ़ाने की तैयारी

कुमार अभिषेक

10 Jul 2023 (अपडेटेड: 10 Jul 2023, 09:49 AM)

Uttar Pradesh News: बसपा सुप्रीमो मायावती कब दिल्ली होती हैं और कब लखनऊ, इस बात की किसी को कानों कान खबर नहीं होती. लेकिन शायद…

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Uttar Pradesh News: बसपा सुप्रीमो मायावती कब दिल्ली होती हैं और कब लखनऊ, इस बात की किसी को कानों कान खबर नहीं होती. लेकिन शायद यह पहली बार है जब मायावती दिल्ली पहुंची तो इसे बकायदा एलान कराया गया कि मायावती इस बार लंबे वक्त के लिए दिल्ली गई है और वहीं कुछ दिनों तक डेरा डालेंगी. तो आखिर लंबे समय तक दिल्ली रहने का ऐलान करने की जरूरत क्या थी? क्या सचमुच मायावती इस बात को अब बता देना चाहती हैं कि वह अब दिल्ली की सियासत करना चाहती हैं. यानी 2024 को लेकर उनके जो प्लान है वह दिल्ली से तय होंगे या फिर प्लान बी कुछ और है.

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भतीजे का कद बढ़ाने की तैयारी!

पार्टी की तरफ से बताया गया कि चार राज्यों के चुनाव हैं और राजस्थान मध्य प्रदेश छत्तीसगढ़ और हरियाणा जैसे राज्यों में चुनाव के लिए उन्हें दिल्ली बेस बनाना जरूरी था. ताकि इन राज्यों के चुनावी गतिविधियों पर सीधे दिल्ली से नजर रखी जा सके. दिल्ली पहुंचते ही मायावती ने इन राज्यों के कोऑर्डिनेटर और संगठन से जुड़े लोगों की बैठक बुलाई और इस बैठक की एक तस्वीर बाहर भी आई. जिसमें मायावती के भतीजे और नेशनल कोऑर्डिनेटर आकाश आनंद उनके मंच के दाहिने तरफ बैठ दिखाई दे रहे हैं. मायावती पहले ही अपने भतीजे को लॉन्च कर चुकी हैं मगर अब वो बसपा सुप्रीमो को दाहिना हाथ होंगे यह संकेत भी चला गया.

दिल्ली से चलेगी सियासत

पार्टी की तरफ से बताया गया कि मायावती अब दिल्ली में लंबे वक्त तक रहेंगी. उसके पीछे की वजह बताई गई कि 4 राज्यों के कोऑर्डिनेटर संगठन के लोग और पश्चिमी उत्तर प्रदेश संगठन के लोग आसानी से दिल्ली में बहन जी से मिल सकते हैं और रणनीति बना सकते है. जबकि लखनऊ में लोगों को पहुंचने में मुश्किल होती है. दिल्ली में बड़ी बैठक करके मायावती ने इसका आगाज भी कर दिया कि अब उनकी सियासत फिलहाल दिल्ली से चलेगी और सब कुछ वह दिल्ली बैठकर तय करेंगी. चाहे वह 4 राज्यों का चुनाव हो चाहे 24 को लेकर गठबंधन हो या फिर पार्टी की विरासत को लेकर आकाश आनंद को आगे करना हो.

चंद्रशेखर आजाद बन रहे परेशानी!

दरअसल, माना ये जा रहा है कि चंद्रशेखर आजाद (Chandrashekhar Azad )के बढ़ते प्रभाव और उन पर हुए हालियां हमले के बाद उनके प्रति बड़े दलितों के आकर्षण और खासकर दलित युवाओं के बीच बढ़ते फैन फॉलोइंग को देखते हुए मायावती अब इसके काउंटर की तैयारी में जुटी हैं. मायावती हर हाल में युवा दलित चेहरे के तौर पर अपने भतीजे को स्थापित करने का प्रयास कर रही है. मायावती को लग रहा है कि चंद्रशेखर दिल्ली में बैठकर देश की दलित राजनीति और दलित विमर्श को प्रभावित कर रहा है. चंद्रेशेखर आजाद की दलित फॉलोइंग बढ़ रही है और वह एक दलित चेहरे के तौर पर उभर रहा है. मायावती को ये भी लगने लगा है कि अगर चंद्रशेखर का उभार नहीं रोका गया या फिर उसकी तुलना में आकाश आनंद को खड़ा नहीं किया गया तो देर हो जाएगी और सियासी रूप से बसपा को भारी नुकसान हो जाएगा. क्योंकि चंद्रशेखर रावण ने मध्य प्रदेश हरियाणा राजस्थान और पंजाब सभी जगहों पर उसने चुनाव लड़ने का ऐलान कर दिया है और उसकी सियासी यूनिट आज़ाद समाज पार्टी ने काम करना शुरू भी कर दिया है.

आकाश आनंद को मिलेगी बड़ी जिम्मेदारी?

आने वाले वक्त को भांपते हुए मायावती इस बार अपने भतीजे को बसपा के चेहरे के तौर पर स्थापित करने के प्रयास में हैं ताकि राष्ट्रीय फलक पर बढ़ते चंद्रशेखर आजाद  के उभार को रोका जा सके. सूत्रों के मुताबिक मायावती अपनी फॉलोइंग और अपने करिश्मे को अभी चुनावी राज्यों में आगे रखना चाहती हैं जबकि भतीजे को आकाश ?आनंद को संगठन और चुनावी राज्यों में गठबंधन को लेकर पार्टियों से चर्चा करने की जिम्मेदारी दी गई है.

मायावती के लिए बसपा को एक बार फिर से देश कि सियासत और दलित विमर्श के केंद्र में रखना वक्त की जरूरत बन गया है. मायावती को लगने लगा है कि अगर उनकी सियासी जमीन आने वाले राज्यों के चुनाव में थोड़ी बहुत ही चंद्रशेखर ने खिसका दी तो आने वाले समय बसपा का नुकसान ज्यादा हो जाएगा. यही वजह है कि मायावती, पार्टी के साथ-साथ गठबंधन के कील कांटे भी दुरुस्त करने दिल्ली बैठी है.

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