मुख्तार के विधायक बेटे अब्बास को HC से मिली जमानत फिर भी नहीं आएंगे जेल से बाहर, जानें वजह

पंकज श्रीवास्तव

• 08:49 AM • 24 Aug 2024

इलाहाबाद हाईकोर्ट से मुख्तार अंसारी के बेटे अब्बास अंसारी को जमानत .जानें किस केस में मिली राहत और अन्य आरोपियों का क्या होगा.

Abbas Ansari

Abbas Ansari

follow google news

Abbas Ansari News: इलाहाबाद हाईकोर्ट से माफिया मुख्तार अंसारी के विधायक बेटे अब्बास अंसारी को एक बड़ी राहत मिली है. हाईकोर्ट ने अब्बास अंसारी की जमानत याचिका मंजूर कर ली है. इसके अलावा, मुख्तार अंसारी के साले आतिफ रजा उर्फ सरजील और अफरोज की भी जमानत अर्जी मंजूर कर दी गई है. हालांकि, जमानत मिलने के बावजूद अब्बास अंसारी फिलहाल जेल से बाहर नहीं आ सकेंगे. इसका कारण यह है कि प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) से जुड़े एक मामले में उनकी जमानत याचिका सुप्रीम कोर्ट में लंबित है. इसके विपरीत, आतिफ रजा और अफरोज अब जेल से रिहा हो सकेंगे.

यह भी पढ़ें...

क्या है मामला?

जस्टिस राजवीर सिंह की सिंगल बेंच ने यह फैसला सुनाया है. दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद एक अगस्त को निर्णय सुरक्षित कर लिया गया था. अब्बास अंसारी वर्तमान में कासगंज जेल में बंद हैं, जबकि आतिफ रजा लखनऊ जेल में कैद है. यह मामला अगस्त 2023 में कारोबारी अबू फकर खां द्वारा दर्ज कराई गई एफआईआर से जुड़ा हुआ है. एफआईआर में मुख्तार अंसारी, उसकी पत्नी आफशां अंसारी, बेटा अब्बास अंसारी, साले आतिफ रजा, अनवर शहजाद, और अफरोज के खिलाफ ठगी, रंगदारी, और साजिश रचने के आरोप लगाए गए थे. 

आरोपों के मुताबिक, मुख्तार अंसारी ने अबू फकर खां की बेशकीमती जमीन को हड़पने के लिए अपने साले आतिफ रजा को भेजा था। अबू फकर को लखनऊ जेल बुलाकर जमीन बेचने का दबाव बनाया गया और न बेचने पर जान से मारने की धमकी दी गई। इस दौरान, अफरोज, आतिफ रजा, और अनवर शहजाद पीड़ित के घर पहुंचे और उसे अब्बास अंसारी के पास ले गए। अब्बास ने पिस्टल लगाकर पीड़ित से चेक पर हस्ताक्षर कराए और बाद में बैंक से पैसे निकाल लिए।

 

 

अबू फकर खां के बैंक खाते में चेक के माध्यम से राशि जमा की गई थी, जिसे बाद में मुख्तार के साले ने निकाल लिया. इस मामले में मुख्तार के बड़े साले अनवर शहजाद को पहले ही जमानत मिल चुकी है. अब, आतिफ रजा और अफरोज की जमानत भी मंजूर हो चुकी है.  याचिकाकर्ताओं के अधिवक्ता उपेंद्र उपाध्याय ने कोर्ट में उनका पक्ष रखा, जबकि सरकार की ओर से अपर महाधिवक्ता पीसी श्रीवास्तव ने दलीलें पेश कीं.

 

    follow whatsapp