UGC-NET परीक्षा रद्द होने पर अखिलेश ने समझाई 'गहरी बात', बोले- ये देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश...

यूपी तक

20 Jun 2024 (अपडेटेड: 20 Jun 2024, 09:27 AM)

UGC-NET Cancellation: शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश देकर मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी. वहीं, UGC-NET परीक्षा रद्द होने के बाद इस मामले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. 

अखिलेश यादव. (फाइल फोटो)

Akhilesh Yadav

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UGC-NET Cancellation: शिक्षा मंत्रालय ने राष्ट्रीय परीक्षा एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित यूजीसी-नेट परीक्षा रद्द करने का बुधवार को आदेश देकर मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (CBI) को सौंप दी. बता दें कि मंत्रालय का यह फैसला, मेडिकल प्रवेश परीक्षा ‘NEET’ (राष्ट्रीय पात्रता सह प्रवेश परीक्षा) में कथित अनियमितताओं को लेकर उपजे बड़े विवाद के बीच आया है और यह मुद्दा अब उच्चतम न्यायालय में है. वहीं, UGC-NET परीक्षा रद्द होने के बाद इस मामले पर समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने भाजपा सरकार पर हमला बोला है. 

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अखिलेश ने X (पूर्व में ट्विटर) पर कहा, "… और अब गड़बड़ी की ख़बर के बाद UGC- NET की परीक्षा भी रद्द कर दी गयी है। भाजपा के राज में पेपर माफिया एक के बाद एक, हर एग्ज़ाम में धांधली कर रहा है. ये देश के खिलाफ किसी की बड़ी साजिश भी हो सकती है."

 

 

सपा चीफ ने कहा, "गहरी बात समझिए

- पुलिस भर्ती की परीक्षा का पेपर लीक होगा तो क़ानून-व्यवस्था नहीं सुधरेगी। जिससे देश-प्रदेश में अशांति और अस्थिरता बनी रहेगी.
- ⁠NEET की परीक्षा में घपला होगा तो ईमानदार लोग डॉक्टर नहीं बन पाएंगे और देश के लोगों के इलाज के लिए भविष्य में डॉक्टरों की कमी और बढ़ जाएगी और बेईमान लोग, जनता के जीवन के लिए ख़तरा बन जाएंगे."
- ⁠UGC-NET परीक्षा न होने से, पहले से शिक्षकों की जो कमी चली आ रही है, उसमें और भी ज़्यादा इज़ाफ़ा होगा। शिक्षकों की कमी से देश के मानसिक विकास में बाधा उत्पन्न होगी, जो कालांतर में देश के लिए बेहद घातक साबित होगी."
 

उन्होंने आगे कहा, "इन सबसे प्रशासन के साथ-साथ स्वास्थ्य और शिक्षा व्यवस्था चौपट हो जाएगी. ये हमारे देश के शासन-प्रशासन व देश के मानव संसाधन के विरूद्ध कोई बहुत बड़ा षड्यंत्र भी हो सकता है, जिसके दूरगामी नकारात्मक परिणाम निकलेंगे. इसीलिए कोर्ट की निगरानी में इसकी कठोर जांच हो और दोषियों को कठोरतम सजा दी जाए, और कोई भी अपराधी छोड़ा न जाए, फिर वो चाहे कितना भी बड़ा क्यों न हो या फिर उसके सिर पर सत्ता का हाथ ही क्यों न हो. लोग कह रहे हैं जो भ्रष्ट लोग कोरोना के वैक्सीन में चुनावी चंदे के नाम पर पीछे से करोड़ों रूपये खा सकते हैं, वो भला परीक्षा-प्रणाली को क्या छोड़ेंगे."

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