Pallavi Patel news: उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के मुखिया अखिलेश यादव को मंगलवार को एक के बाद एक सियासी झटके लगे. पहले पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य ने महासचिव पद से इस्तीफा दिया फिर अपना दल (कमेरावादी) नेता पल्लवी पटेल ने मोर्चा खोल दिया. पल्लवी पटेल समाजवादी पार्टी की राज्यसभा उम्मीदवारों की सूची पर भड़की हुई हैं. उन्होंने ऐलान किया है कि वह सपा कैंडिडेट को राज्यसभा चुनाव में वोट नहीं करेंगी. यूपी Tak से एक्सक्लूसिव बातचीत में पल्लवी पटेल ने कहा है कि पीडीए को मतलब पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक होता है और कुछ मदांध लोग इसे बच्चन और रंजन बनाने में लगे हुए हैं.
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आपको बता दें कि पीडीए सपा चीफ अखिलेश यादव का नारा है और इसके तहत वह यूपी में पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यक मतदाताओं को एकजुट करने की जुगत में हैं. सपा से जया बच्चन, पूर्व प्रमुख सचिव आलोक रंजन और रामजीलाल सुमन राज्यसभा के कैंडिडेट हैं. अब पल्लवी पटेल जब 'बच्चन और रंजन' का तंज कस रही हैं, तो जाहिर तौर पर सीधा निशाना अखिलेश यादव ही हैं.
ये कोई फिल्मी लड़ाई नहीं चल रही: पल्लवी पटेल
यूपी Tak से बातचीत में पल्लवी पटेल ने कहा, ' PDA का मतलब मैं पिछड़ा दलित और अल्पसंख्यक समझती हूं लेकिन मदांध लोग इसे बच्चन और रंजन बना रहे हैं. ये कोई फिल्मी लड़ाई नहीं चल रही है. जया बच्चन अभिनेत्री हो सकती हैं, आलोक रंजन क्लर्क हो सकते हैं लेकिन जब लड़ाई पिछड़ा, दलित, खेत-खलिहान की हो रही है तो फिर पीडीए कहां गया? ये गरीब, पिछड़ा, अल्पसंख्यक की लड़ाई है. उनकी हकमारी में मैं साथ नहीं हूं.'
पल्लवी पटेल ने साफ कहा है कि वह जया बच्चन और आलोक रंजन को वोट नहीं करेंगी. उन्होंने आरोप लगाया है कि अखिलेश यादव ने अपने मूल मंत्र PDA को फॉलो नहीं किया है और कोई चर्चा भी नहीं की. पल्लवी ने कहा कि अखिलेश के साथ आगे गठबंधन कैसा चलेगा यह मेरा विषय नहीं है, इसे राजमाता कृष्णा पटेल तय करेंगी.
पल्लवी पटेल ने आह्वान किया कि बसपा में, कांग्रेस में जो ऐसे लोग हैं, जो गैरतमंद हैं, जिन्हें लगता है कि पिछड़ों की हकमारी हो रही है मैं चाहती हूं सभी लोग अपनी आवाज बुलंद करें. पल्लवी पटेल ने लगे हाथ स्वामी प्रसाद मौर्य का भी पक्ष लिया. पल्लवी पटेल ने कहा, 'स्वामी प्रसाद मौर्य लगातार मेरे संपर्क में हैं और उन्होंने जो इस्तीफा देने की वजह बताई है हम उसका समर्थन करते हैं. वह बड़े कद के नेता हैं लेकिन उनके साथ नाइंसाफी हो रही है. मेरा फिर से कहना है कि पिछड़े, दलित और अल्पसंख्यकों को कमजोर समझ कर उनका हक छीनना बंद करें समाजवादी पार्टी.'
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