उत्तर प्रदेश के पीलीभीत से भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने मंगलवार को गंगा नदी में प्रदूषण का मुद्दा उठाया और केंद्र सरकार से सवाल किया कि नमामि गंगे परियोजना के तहत 11,000 करोड़ रुपये खर्च किए जाने के बावजूद यह ‘‘जीवनदायिनी’’ नदी प्रदूषित क्यों है और इसकी जवाबदेही किसकी है?
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उन्होंने एक ट्वीट में कहा, ‘‘गंगा हमारे लिए सिर्फ नदी नहीं, ‘मां’ है. करोड़ों देशवासियों के जीवन, धर्म और अस्तित्व का आधार है मां गंगा. इसलिए नमामि गंगे पर 20,000 करोड़ रुपये का बजट बना. अब तक 11,000 करोड़ रुपये खर्च होने के बावजूद नदी में प्रदूषण क्यों?’’
इस ट्वीट के साथ ही गांधी ने एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें गंगा नदी के किनारे बड़ी संख्या में मरी हुई मछलियां दिख रही हैं.
उन्होंने कहा, ‘‘गंगा तो जीवनदायिनी है, फिर गंदे पानी के कारण मछलियों की मौत क्यों? जवाबदेही किसकी?’’
इससे पहले वरुण ने बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे की निर्माण कार्य की गुणवत्ता पर सवाल उठाए थे. उन्होंने एक्सप्रेसवे पर चिरिया सलेमपुर नामक जगह पर सड़क के धंसने का वीडियो ट्वीट करते हुए कहा था, “15 हजार करोड़ की लागत से बना एक्सप्रेसवे अगर बरसात के 5 दिन भी ना झेल सके तो उसकी गुणवत्ता पर गंभीर प्रश्न खड़े होते हैं. इस प्रोजेक्ट के मुखिया, सम्बंधित इंजीनियर और जिम्मेदार कंपनियों को तत्काल तलब कर उनपर कड़ी कार्यवाही सुनिश्चित करनी होगी.”
उल्लेखनीय है कि बेरोजगारी और किसानों के मुद्दे पर वरुण गांधी पिछले कुछ समय से अपनी ही पार्टी की अगुवाई वाली केंद्र सरकार पर लगातार निशाना साध रहे हैं.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)
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