यूपी विधानसभा चुनाव 2022 के रिजल्ट आने के बाद से ही समाजवादी पार्टी में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता और मौजूदा समय में राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह को राज्यसभा का टिकट नहीं मिलने के कारण उनके समर्थक कार्यकर्ताओं में नाराजगी है. इसी नाराजगी के चलते प्रयागराज में पार्टी के महानगर उपाध्यक्ष और कई बार पार्षद रहे विजय वैश्य ने समाजवादी पार्टी से इस्तीफा दे दिया है. उन्होंने अपना इस्तीफा प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल को भेज दिया है.
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रेवती रमण के बेहद करीबी माने जाने वाले विजय वैश्य का साफ आरोप है कि अखिलेश यादव ने कुंवर रेवती रमण का पत्ता काटकर कपिल सिब्बल को सिर्फ इसलिए राज्यसभा भेज रहे हैं, ताकि सीबीआई और ईडी के शिकंजे में फंसने के बाद वह उन्हें जेल जाने से बचा सकें.
विजय वैश्य के मुताबिक, पार्टी को इस समय रेवती रमण जैसे पुराने और जनाधार वाले नेता की जरूरत है, न कि किसी वकील की. कपिल सिब्बल को सिर्फ इसलिए राज्यसभा भेजा जा रहा है, क्योंकि वह वरिष्ठ वकील हैं और अखिलेश को खुद पर शिकंजा कसे जाने का डर सता रहा है.
विजय वैश्य ने दावा किया है कि उन्होंने रेवती रमण से पूछने के बाद ही पार्टी से इस्तीफा दिया है. उनका यह भी दावा है कि आने वाले दिनों में तमाम दूसरे नेता भी अखिलेश यादव के नेतृत्व को लेकर पार्टी छोड़ेंगे और खुद रेवती रमण भी जुलाई महीने में बड़ा फैसला ले सकते हैं.
सियासी गलियारों में हो रही चर्चा को लेकर रेवती रमण ने अभी औपचारिक तौर पर कोई बयान तो नहीं दिया है, लेकिन उनका कहना है कि तमाम कार्यकर्ता और समर्थक हाल ही में हुए फैसलों से दुखी भी हैं और हैरान भी. कार्यकर्ता ही उनकी ताकत हैं. ऐसे में वह कार्यकर्ताओं व समर्थकों के मन की बात जरूर सुनना चाहेंगे.
माना जा रहा है कि अगर जल्द ही बात नहीं बनी तो रेवती रमण अपने समर्थकों के साथ कोई नया सियासी ठिकाना तलाश सकते हैं. रेवती रमण सिंह आठ बार के विधायक, दो बार लोकसभा के सांसद और वर्तमान में राज्यसभा के सांसद हैं. 2004 में उन्होंने बीजेपी के दिग्गज नेता डा. मुरली मनोहर जोशी को हराया था.
विजय वैश्य का कहना है कि रेवती रमण जिस दल में जाएंगे हम भी उनके साथ जाएंगे. उन्होंने दावा किया है कि रेवती रमण सिंह के समर्थन में सैकड़ों पार्टी नेताओं ने अब तक पार्टी छोड़ी है.
वहीं राज्यसभा सांसद कुंवर रेवती रमण सिंह का कहना है कि फिलहाल वह समाजवादी पार्टी में ही हैं. हालांकि, उन्होंने यह जरूर कहा है कि उन्हें राज्यसभा का टिकट न दिए जाने से कार्यकर्ताओं की भावनाएं जरूर आहत हुई हैं, इसलिए लोग इस्तीफा दे रहे हैं.
उन्होंने कहा है कि वह अपने समर्थकों और पार्टी कार्यकर्ताओं की भावना का आदर करते हैं. उन्होंने कहा है कि फिलहाल वह समाजवादी पार्टी में हैं और अभी उनका पार्टी छोड़ने का भी कोई इरादा नहीं है. उन्होंने कहा है कि समय आने पर अगर पार्टी नेतृत्व इस मामले में उनसे बात करेगा तो वह जरूर बात करेंगे.
हालांकि, उन्होंने साफ तौर पर यह भी कहा है कि अगर भविष्य में जरूरत पड़ी तो कार्यकर्ताओं के साथ बातचीत के बाद कोई बड़ा फैसला भी ले सकते हैं.
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