आरएसएस दलित मलिन बस्तियों मे संघ की शाखों का संचालन शुरू करेगा. यही नहीं आरएसएस सामाजिक सद्भाव के लिए मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के लोगों के साथ संपर्क भी बढ़ाएगी. त्योहार और धार्मिक कार्यक्रमों में कार्यक्रमों में भागीदारी भी सुनिश्चित की जाएगी.
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जानकारी के मुताबिक, 22 सितंबर को संघ प्रमुख मोहन भागवत अवध प्रांत की प्रवास पर लखनऊ पहुंचे थे. इस दौरान उन्होंने अवध प्रांत के साथ, विभागों के साथ टोलियों के साथ एक बैठक की, जिसमें साफ किया कि राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ दलित और मलिन बस्तियों के बीच में अपनी पैठ बनाएगा.
साथ ही राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ सामाजिक सद्भाव बनाने के लिए मुस्लिम, सिख, ईसाई और बौद्ध धर्म के संपर्क में आएगा. यही नहीं, दलित और मलिन बस्तियों में आरएसएस अपनी शाखा भी संचालित करेगा और सप्ताह का एक मिलन समारोह भी रखा जाएगा. इसके साथ-साथ ही संघ धार्मिक आयोजनों में इन सभी धर्म के लोगों की भागीदारी को भी बढ़ाने की कोशिश करेगा.
प्रांतीय कार्य कार्यकारिणी की बैठक के दौरान एक सवाल के जवाब में आरएसएस प्रमुख मोहन भागवत ने बताया कि जो जैसा करेगा वैसा भरेगा. संघ का काम किसी को हराना या जिताना नहीं है. संघ का कार्य हिंदू समाज को जागृत और संगठित करना है.
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