Nameplate Controversy : योगी सरकार के आदेश के बाद अब उत्तर प्रदेश में कांवड़ यात्रा के रूट पर दुकानों पर नेमप्लेट लगाना अनिवार्य कर दिया है. उत्तर प्रदेश की योगी सरकार के एक फैसले ने राजनीति गलियारों में भूचाल ला दिया है, जिसके विरोध में विपक्ष के साथ-साथ अब उनके खुद के सहयोगी दल भी उतर आए हैं. वहीं सहारनपुर से कांग्रेस के सांसद इमरान मसूद ने नेम प्लेट वाले विवाद पर अपनी प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने कहा है कि सवाल नाम का नहीं बल्कि नफरत का है. देश में नफरत नहीं चल सकता है.
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जयंत चौधरी को दी ये नसीहत
योगी सरकार के फैसले और कावड़ यात्रा नेमप्लेट विवाद पर कांग्रेस सांसद इमरान मसूद ने कहा कि, 'ये हमें कौन से युग में ले जाना चाहते हैं. पहले ये पवित्रता के नाम पर धर्म पूछ रहे हैं उसके बाद ये पवित्रता के नाम पर जाति पूछेंगे. ये देश नफरत से नहीं चलेगी. बस जाति-पाति और धर्म का बंधन हैं इनके दिमाग में.' वहीं नेमप्लेट विवाद पर जयंत चौधरी के बयान पर प्रतिक्रिया देते हुए इमरान मसूद ने आरएलडी प्रमुख को इस्तीफा देने तक की नसीहत तक दे डाली. उन्होंने कहा कि, 'जयंत चौधरी में नैतिकता बची है तो वो इस्तीफा देकर सरकार से बाहर निकले, बस बयान देने से कुछ भी नहीं होगा.'
नेमप्लेट विवाद पर मचा घमासान
बता दें कि कावड़ यात्रा और नेमप्लेट विवाद पर राष्ट्रीय लोकदल के प्रमुख और केंद्रीय मंत्र जयंत चौधरी ने खुलकर योगी सरकार के इस फैसले की खिलाफत की है. रविवाक को उन्होंने कहा था कि, 'कांवड़ ले जाने वाले या सेवादार की कोई पहचान नहीं होती है. धर्म या जाति की पहचान करके कोई सेवा नहीं लेता. इस मामले को धर्म और जाति से भी नहीं जोड़ा जाना चाहिए. उन्होंने सरकार के फैसले पर सवाल उठाते हुए कहा था कि, 'सब अपनी दुकानों पर नाम लिख रहे हैं मैकडॉनल्ड और बर्गर किंग क्या लिखेगा. सरकार ने यह फैसला ज्यादा सोच समझ कर नहीं लिया है.कहां-कहां नाम लिखे क्या अब कुर्ते में भी नाम लिखना शुरू कर दे क्या ताकि देख कर ये तय किया जा सके कि हाथ मिलाना है या गले लगाना है.'
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