समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव बुधवार को आगरा दौरे पर थे. इस दौरान जब उनसे आरएलडी चीफ जयंत चौधरी के आजम खान के घर जाने को लेकर सवाल किया गया तो वह भड़क गए. उन्होंने कहा कि जयंत से ही पूछिए. जब अखिलेश से सवाल किया गया कि क्या आपने जयंत के जरिए अपना संदेश आजम परिवार को भेजा था तो इस पर वह बौखला कर पत्रकारों पर ही भड़क गए. वहीं चाचा शिवपाल सिंह यादव को लेकर पूछे गए सवाल पर भतीजे अखिलेश यादव ने उन्हें चेतावनी देते हुए कहा कि बीजेपी से मिलने वाला समाजवादी पार्टी में नहीं रहेगा.
ADVERTISEMENT
ऐसे में सियासी गलियारों में अखिलेश यादव के इन सवालों पर भड़कने पर तमाम चर्चाएं चलने लगी हैं. इस बात के भी कयास लगाए जा रहे हैं कि क्या अखिलेश यादव के गुलदस्ते से वोट बैंक वाले सभी फूल बिखरने वाले हैं?
आइए समझते हैं कि अखिलेश यादव इन दिनों किस तरह की सियासी भंवरों से घिर चुके हैं-
शिवपाल सिंह यादव: अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल सिंह यादव समाजवादी पार्टी के टिकट पर जसवंतनगर विधानसभा सीट से विधायक चुने गए हैं. वह इन दिनों सीएम योगी आदित्यनाथ की तारीफ कर रहे हैं. ऐसे में कयास लगाए जा रहे हैं कि उनकी बीजेपी से नजदीकी बढ़ गई है और वह बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.
जयंत चौधरी: यूपी विधानसभा चुनाव 2022 अखिलेश यादव के साथ मिलकर लड़ने वाले जयंत बुधवार को आजम खान परिवार से मिले. चूंकि, जयंत आजम खान परिवार से ऐसे समय में मिले, जब आजम खेमा अखिलेश यादव से नाराज बताया जा रहा है. मुलाकात के बाद मीडिया से बातचीत करते हुए जयंत ने कहा कि यहां (आजम खान के घर) आना मेरी जिम्मेदारी थी. साथ ही उन्होंने अखिलेश को सलाह देते हुए कहा कि सोचना होगा कि कहां चूक हो रही है. ऐसे में जयंत का यह कदम अखिलेश के लिए सियासी नफा-नुकसान का सौदा साबित हो सकता है.
आजम खान और मुस्लिम लीडर्स : समाजवादी पार्टी के वरिष्ठ नेता आजम खान जेल में बंद हैं. चर्चाएं हैं कि वह अपने करीबी फसाहत अली के जरिए पहले ही अखिलेश को बगावत का सिग्नल दे चुके हैं. पार्टी के कई मुस्लिम नेता अखिलेश सिंह यादव पर मुसलमानों की आवाज न उठाने का आरोप लगाते हुए अपना इस्तीफा दे चुके हैं. समाजवादी पार्टी के मुस्लिम नेता सिकंदर अली ने पार्टी छोड़ते हुए अखिलेश यादव को यहां कह तक डाला कि अपना घर संभलता नहीं…अकेला अब्दुल ही इनका रथ कब तक खींचेगा. ऐसे में पार्टी के मुस्लिम नेताओं की बगावत से अखिलेश को लगातार झटकों को सामना करना पड़ रहा है.
ओम प्रकाश राजभर: सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर कैमरे पर तो अखिलेश के साथ रहने की बात करते हैं लेकिन चर्चा है कि वह कभी भी अखिलेश को झटका दे सकते हैं. बीच-बीच में राजभर के बीजेपी गठबंधन में वापस जाने की चर्चाएं तेजी होती जाती हैं. राजभर का पुराना ट्रैक रिकॉर्ड भी अखिलेश को परेशान करने वाला है.
मौर्य लीडर्स: महान दल के अध्यक्ष केशव देव मौर्य और विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बीजेपी छोड़ एसपी में शामिल हुए स्वामी प्रसाद मौर्य के बीच 36 का आंकड़ा माना जाता है. विधानसभा चुनाव में स्वामी प्रसाद मौर्य बीजेपी को सत्ता से बेदखल करने का दावा किए थे, मगर वह खुद फाजिलनगर विधानसभा सीट से अपना चुनाव हार गए. चुनाव परिणाम के बाद केशव देव मौर्य ने स्वामी प्रसाद मौर्य पर तंज भी कसा था. ऐसे में ये दोनों भी कब तक एक साथ अखिलेश यादव की नाव पर सवार रहेंगे, इस पर भी सवाल हो रहे हैं.
भाजपा ने बुल्डोजर को अपनी गैरकानूनी ताकत दिखाने का प्रतीक बनाया: अखिलेश
ADVERTISEMENT