”समाजवादी पार्टी कभी जातिवादी नहीं हो सकती है और भारतीय जनता पार्टी के लोग यह मुद्दों से भटकाने चाहते हैं और स्वामी प्रसाद मौर्य का दिया गया बयान उनका व्यक्तिगत बयान है. अखिलेश भी इस बारे में बोल चुके हैं और हम भी बोल चुके हैं.’ यह बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव शिवपाल यादव ने वाराणसी में मीडिया से मुखातिब होते हुए कहीं.
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दरअसल शिवपाल यादव वाराणसी में एक वैवाहिक कार्यक्रम में शरीक होने से पहले सर्किट हाउस पहुंचे थे और वहां पर मीडिया के सवालों का जवाब भी उन्होंने दिया.
अखिलेश यादव के शूद्र वाले बयान और सदन में सीएम योगी आदित्यनाथ से रामचरितमानस बुलवाने के सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने बताया कि मैं इस मुद्दे पर अखिलेश यादव के साथ हूं.
स्वामी प्रसाद मौर्य से रामचरितमानस को लेकर जानबूझकर बयान दिलवाने के सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने बताया कि ‘जो भी पुराने ग्रंथ हैं उस ग्रंथ को हम सभी समाजवादी पार्टी के लोग स्वीकार करते हैं और जहां तक मौर्य जी का बयान है वह उनका खुद का बयान है. ना की किसी ने यह बयान उनसे दिलवाया है.’
रामचरितमानस की प्रतियां जलाने के सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने बताया कि इस मामले में मुकदमे लिखे जा चुके हैं और जांच भी होगी.
सीएम योगी आदित्यनाथ के ‘एक ही राष्ट्रीय धर्म सनातन धर्म और एक ही मंदिर राम मंदिर के’ बयान पर शिवपाल ने कहा कि ‘हम लोग सभी धर्मों को मानने वाले हैं और हम लोग धर्मनिरपेक्ष लोग हैं. संविधान में भी धर्मनिरपेक्षता की बात लिखी गई है और जिसे 26 जनवरी को सीएम योगी ने कहा है. धर्मनिरपेक्ष हमारा संविधान में उल्लेखित है तो यह संविधान का उल्लंघन है और यहीं पर संविधान का उल्लंघन हो रहा है. जो भी सांप्रदायिकता फैलाएगा, जनता उसका समय पर जवाब दे देगी. जनता सब जानती है.’
2024 लोकसभा चुनाव में पिछड़ों और अगड़ों के बीच दो फाड़ में बटकर चुनाव होगा? के सवाल के जवाब में शिवपाल यादव ने कहा कि यह भारतीय जनता पार्टी की चाल है और यह देश को बांटना चाहते हैं. जब बाटेंगे तब देश कमजोर होगा.
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