सपा मुखिया ने कहा, “प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाएं ठप हैं. आज गरीब को इलाज नहीं मिल पा रहा है. मुझे तो लगता सरकार जान-भूझकर के हमारी सरकारी व्यवस्था को ध्वस्त करना चाहती है, ताकि उसे प्राइवेट हाथ में दिया जाए. आज रोजगार और नौकरी नहीं हैं. देश की राजनीति को बदलने का काम समाजवादी करेगी.
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अखिलेश ने कहा, “जब-जब समाजवादी सरकार बनी प्रदेश को तरक्की और विकास के रास्ते पर ले जाया गया. जनता के बीच जो घोषणापत्र दिया था, हमने उससे ज्यादा काम किया. हमने लखनऊ में मेट्रो चलाने का काम किया. प्रदेश का सबसे अच्छा एक्सप्रेसवे हमने बनाया. जितना काम समाजवादियों ने किया, उसके बाद काम आगे नहीं बढ़ा.”
सपा अध्यक्ष ने कहा,
“हम समाजवादियों का यह सपना है की जो समाज में बांटने वाली ताकत हैं, उनकी सत्ता से बाहर निकालने का काम हम लोग मिलकर करें. 2019 के लोकसभा चुनाव में सपा ने ऐतिहासिक फैसला लिया था कि बहुजन की ताकतें एक हो जाएं…हमने त्याग करके वो समझौता किया था. समाजवादी लोग जो चाहते थे कि बड़ी जीत हासिल हो, लेकिन जिस तरह के लोग सत्ता में हैं, उन्होंने हर चीज का दुरूपयोग किया. हम कामयाब नहीं हुए. उसके बाद दोबारा समाजवादियों ने मिलकर के 2022 का विधानसभा चुनाव लड़ा. मुझे खुशी है कि 2022 में हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा. अगर BJP को कोई हरा सकता है, तो वह समाजवादी पार्टी है.”
अखिलेश यादव
सम्मेलन को संबोधित करते हुए सपा मुखिया अखिलेश यादव ने कहा, “नरेश उत्तम जी को बहुत-बहुत शुभकामनाएं देना चाहता हूं. आने वाले समय में हम चुनौती का मिलकर सामना करेंगे.”
पार्टी के महासचिव प्रोफेसर राम गोपाल यादव ने कहा, “प्रदेश अध्यक्ष के लिए सिर्फ एक ही पर्चा दाखिल हुआ, इसलिए नरेश उत्तम पटेल को निर्विरोध प्रदेश अध्यक्ष चुना गया है.”
आपको बता दें कि पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव अधिवेशन में पहुंच गए हैं. अखिलेश के एक तरफ उनके चाचा रामगोपाल यादव तो दूसरी तरफ पार्टी के वरिष्ठ नेता स्वामी प्रसाद मौर्य बैठे हैं. राष्ट्रगान के साथ ही समाजवादी पार्टी का सम्मेलन शुरू हो गया है.
ऐसा माना जा रहा है कि आज होने वाले प्रांतीय अधिवेशन में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव नरेश उत्तम पटेल को फिर से प्रदेश अध्यक्ष नियुक्त कर सकते हैं. वहीं, पटेल के अलावा, रामअचल राजभर, नरेंद्र वर्मा और राजपाल कश्यप का नाम भी प्रदेश अध्यक्ष की रेस में आगे चल रहा है.
राष्ट्रीय अधिवेशन में अखिलेश यादव को ही लगातार तीसरी बार पार्टी अध्यक्ष चुने जाने की प्रबल सम्भावना है। पार्टी में तत्कालीन कैबिनेट मंत्री शिवपाल यादव से गतिरोध के कारण पार्टी के झंडे और चुनाव निशान को लेकर अदालती लड़ाई जीतने के बाद अखिलेश यादव को एक जनवरी 2017 को आपात राष्ट्रीय अधिवेशन बुलाकर पहली बार पार्टी संस्थापक मुलायम सिंह यादव के स्थान पर दल का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया था। उसके बाद अक्टूबर 2017 में आगरा में हुए विधिवत राष्ट्रीय अधिवेशन में उन्हें एक बार फिर सर्वसम्मति से पार्टी का अध्यक्ष चुना गया था। उस वक्त पार्टी के संविधान में बदलाव कर अध्यक्ष के कार्यकाल को तीन साल से बढ़ाकर पांच वर्ष कर दिया गया था।
उत्तर प्रदेश में मुख्य विपक्षी दल समाजवादी पार्टी (सपा) का दो दिवसीय अधिवेशन आज यानी 29 सितंबर को लखनऊ में आयोजित किया जाएगा. आज यानी बुधवार को रमाबाई अंबेडकर रैली स्थल पर आयोजित होने जा रहे प्रांतीय अधिवेशन में प्रदेश अध्यक्ष का चुनाव होगा. वहीं, कल यानी 29 सितंबर को होने वाले राष्ट्रीय अधिवेशन में राष्ट्रीय अध्यक्ष का चुनाव होगा. इसके अलावा निकट भविष्य में होने वाले स्थानीय निकाय चुनाव और 2024 के लोकसभा चुनाव के लिये पुख्ता रणनीति पर चर्चा की जाएगी.
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