Uttar Pradesh News : लोकसभा चुनाव के लिए समाजवादी पार्टी ने एक और लिस्ट जारी कर दी है. इस लिस्ट में पांच सीटों पर उम्मीदवारों का एलान किया गया है. इनमें सबसे बड़ा नाम शिवपाल सिंह यादव का है, जिन्हें बदायूं लोकसभा सीट से उम्मीदवार बनाया गया है. इससे पहले समाजवादी पार्टी ने पहली सूची में यहां से धर्मेंद्र यादव को उम्मीदवार बनाया था.
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भतीजे का टिकट काट चाचा को मिली कमान
बता दें कि सपा ने अब तक कुल 31 प्रत्याशी उतारे हैं. पहली लिस्ट में धर्मेंद्र यादव का नाम था, लेकिन तीसरी लिस्ट में उनके नाम की जगह बंदायूं से शिवपाल यादव को लड़ाया जा रहा है. इस सीट से नाम के बदलाव के बाद पहली लिस्ट 15, दूसरी 11 और आज 5 प्रत्याशियों की लिस्ट अब तक सपा जारी कर चुकी है. गौरतलब है कि भाजपा यहां से संघमित्रा मौर्य को टिकट दे सकती है जो वर्तमान सांसद हैं. ऐसे में मुकाबले को बेहतर करने के लिए अखिलेश यादव ने यहां से धर्मेंद्र यादव के बदले चाचा शिवपाल सिंह यादव को मैदान में उतारा है. धर्मेंद्र यादव को कन्नौज और आजमगढ़ का प्रभारी बनाया गया है.
बदायूं में रहा है सपा का दबदबा
वहीं 6 बार से लगातार विधायक रहे शिवपाल पहली बार बदायूं से लोकसभा के लिए अपना पर्चा भरेंगे. शिवपाल को धर्मेंद्र यादव की जगह बदायूं से टिकट दिया गया है. धर्मेंद्र यादव बदायूं से 2 बार सांसद रह चुके हैं. गौरतलब है कि साल 1951 से अब तक बदायूं के मतदाताओं ने 17 बार लोकसभा चुनाव के लिए वोट दिए हैं, जिनमें सबसे ज्यादा 6 बार समाजवादी पार्टी विजयी रही. 5 बार कांग्रेस, 2 बार बीजेपी और एक बार जनसंघ, भारतीय जनसंघ, भारतीय लोकदल, जनता दल ने जीत दर्ज की है. साल 1951 से 1984 तक हुए 7 चुनावों में 5 बार कांग्रेस विजयी रही और 1984 से अभी तक कांग्रेस दूसरे पायदान पर भी नहीं पहुंच पाई है.
पिछली बार शिवपाल ने बिगाड़ा था खेल
1996 से जसवंतनगर सीट (इटावा) से लगातार 6 बार विधायक रहे शिवपाल यादव ने 17वी लोकसभा के लिए चुनाव फिरोजाबाद से चुनाव लड़ा था लेकिन शिवपाल चुनाव हार गए. शिवपाल यादव ने अपनी पार्टी प्रगतिशील समाजवादी पार्टी से चुनाव लड़ा और सपा के अक्षय यादव का समीकरण बिगाड़ बैठे और यंहा से बीजेपी जीत गयी. अक्षय यादव रामगोपाल यादव में बेटे है और शिवपाल यादव के भतीजे है. अब बदायूं में भी शिवपाल यादव को अपने भतीजे धर्मेंद्र यादव का टिकट काटकर प्रत्याशी बनाया गया है.
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