उत्तर प्रदेश की राजनीति में अपने बयान और राजनैतिक दांवों के लिए फेमस हो चुके सुभासभा के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर का फिर चौंकाने वाला बयान आया है. अभी तक ऐसा माना जा रहा था कि उनका सपा गठबंधन से मोह भंग हो रहा है और कहीं न कहीं झुकाव बीजेपी की तरफ बढ़ रहा है. इसका ताजा उदाहरण राजभर का बीजेपी समर्थित एनडीए की राष्ट्रपति पद की प्रत्याशी द्रौपदी मुर्मू की डिनर पार्टी में जाना और बाद में उन्हें समर्थन देने का ऐलान करना है. वहीं अब ओम प्रकाश राजभर ने ये कहा है कि जिस दिन अखिलेश यादव कह देंगे कि आप जाओ उस दिन उस मायावती का दरवाजा खटखटाएंगे.
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कभी भाजपा का दामन थामकर योगी कैबिनेट में अपनी जगह बनाने वाले सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर फिलहाल समाजवादी पार्टी के साथ गठबंधन का धर्म निभा रहें हैं, लेकिन अब उनको सपा का साथ रास नहीं आ रहा है. इसलिए उन्होंने वाराणसी में अपने पार्टी के कार्यकर्ताओं और विधायकों के मंडल स्तरीय समीक्षा बैठक के दौरान यूपी तक से खास बातचीत में कह डाला कि जिस दिन अखिलेश यादव बाहर का रास्ता दिखा देंगे तो उस दिन मायावती का दरवाजा खटखटाएंगे.
अखिलेश यादव को नसीहत देने की बात पर बोले…
यूपी उपचुनाव आजमगढ़ और रामपुर में हार के बाद अखिलेश यादव को एसी से निकलकर प्रचार करने की सलाह देने पर अफसोस के सवाल पर कहा कि बिल्कुल सलाह देनी चाहिए. हम हमेशा सच बोलते हैं और सच के सिवाए कुछ नहीं बोलते हैं. हम अपने बयान पर कायम हैं, लेकिन उनका बोलना कुछ लोगों को बुरा लगा. लोकसभा चुनाव के बाद बता दूंगा कि यह बयान सही था या गलत.
बीजेपी की जगह बसपा से गठबंधन के सवाल पर कहा कि द्रौपदी मुर्मू का समर्थन तो केजरीवाल और मायावती भी कर रही हैं. साथ ही उद्धव ठाकरे भी कर रहें हैं. दल की राजनीति से ऊपर उठकर इसलिए कर रहें हैं, क्योंकि वह आदिवासी महिला हैं और उनको सर्वोच्च कुर्सी पर बैठाया जा रहा है. जैसा बाबा साहब का सपना है.
विपक्ष के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार यशवंत सिंहा के खिलाफ शिवपाल यादव का अखिलेश यादव को पत्र लिखने का ओपी राजभर ने समर्थन किया और बताया कि यह सवाल अखिलेश यादव से होना चाहिए. यूपी तक से बातचीत में ओपी राजभर ने पहले साफ किया कि होने वाले समीक्षा बैठक आज 8 मंडलों में हो रहा रूटीन का कार्यक्रम है, ना कि किसी तरह की टूट की वजह से हो रहा है. उन्होंने साफ किया कि शशि प्रताप के चले जाने से कोई फर्क पड़ने वाला नहीं है क्योंकि समुद्र से एक गिलास पानी निकाल लेने से कोई फर्क नहीं पड़ता है.
एनडीए की ओर से जगदीप धनखड़ को उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार बनाए जाने और धनखड़ का तमाम विवादों में भी रहने के सवाल के जवाब में ओपी राजभर ने कहा कि उनका फैसला भाजपा करेगी, हम लोगों का विषय नहीं है.
गौरतलब है कि ओम प्रकाश राजभर ने लखनऊ में प्रेस कांन्फ्रेंस कर न केवल एनडीए उम्मीदवार का समर्थन किया बल्कि सपा से बढ़ती दूरियों पर भी खुलकर बोले. यहां तक कह दिया कि वे गठबंधन में हैं, अखिलेश यादव को निकालना हो तो निकाल दें. इसके साथ उन्होंने सीएम योगी के फोन करने और गृहमंत्री अमित शाह से दिल्ली जाकर मुलाकात करने की भी बात कही. इसके बाद से राजनैतिक गलियारों में ये चर्चा जोरों पर थी कि कहीं न कहीं ओम प्रकाश राजभर का झुकाव बीजेपी की तरफ बढ़ रहा है. हालांकि सपा से निकलने के बाद बसपा का दरवाजा खटखटाने की बात कह राजभर ने इन चर्चाओं पर विराम लगा दिया है.
राजभर ने जिसे सपा का रत्न कह लगाए आरोप उन्होंने कहा- मेरा काम संदेश पहुंचाने भर का थाUP में सपा को झटका, राष्ट्रपति चुनाव में राजभर ने गठबंधन से किया किनारा, बताई ये वजह
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