UP Politics: लोकसभा चुनाव को लेकर कल यानी शनिवार के दिन चुनाव आयोग अहम घोषणा करने जा रहा है. चुनाव आयोग कल लोकसभा चुनाव-24 की तारीखों का ऐलान करने जा रहा है. चुनाव आयोग के ऐलान से ठीक एक दिन पहले समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने यूपी की 7 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवारों का ऐलान कर दिया है. खास बात ये है कि अखिलेश ने भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ भी अपना उम्मीदवार उतारा है. दरअसल नगीना लोकसभा सीट से भीम आर्मी चीफ चंद्रशेखर ने चुनाव लड़ने का ऐलान किया था. अब अखिलेश ने उसी सीट से दलित चेहरा उतारा है.
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बता दें कि अखिलेश यादव ने आज अपनी तीसरी सूची जारी कर दी है. अखिलेश यादव ने जिन सात सीटों का आज ऐलान किया, उसमें एक सीट टीएमसी को दी है तो वही 6 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे हैं. खास बात ये है कि आज जो सूची सपा ने जारी की है, उसमें 5 दलित चेहरे हैं. हैरान कर देने वाली बात ये भी है कि सपा ने दो सामान्य सीटों पर भी दलित चेहरों को उतारा है.
EVM के खिलाफ आंदोलन करने वाले को मेरठ से दिया टिकट
बता दें कि सपा ने मेरठ से भानु प्रताप सिंह को मैदान में उतारा है. भानु प्रताप सिंह पेशे से सुप्रीम कोर्ट में वकील हैं. वह दलित एक्टिविस्ट भी हैं. वह हमेशा से ही EVM को लेकर काफी मुखर रहे हैं और वह EVM के खिलाफ आंदोलन भी चलाते रहे हैं. अखिलेश ने मेरठ से उन्हें चुनाव में उतारा है.
प्रमोशन में आरक्षण का बिल फाड़ने वाले नेता को दिया टिकट
इसी के साथ यशवीर सिंह को भी अखिलेश यादव ने बिजनौर से टिकट दिया है. बता दें कि बिजनौर की सीट सामान्य सीट है. मगर अखिलेश ने यहां से भी दलित समाज से आने वाले यशवीर सिंह को टिकट दिया है. यशवीर सिंह नगीना से पहले भी सांसद रह चुके हैं. ये वही यशवीर सिंह हैं, जिन्होंने प्रमोशन में आरक्षण का बिल फाड़ा था और इसको लेकर वह काफी चर्चाओं में भी आए थे.
सपा ने नगीना से भी अपना उम्मीदवार उतारा है. नगीना से अखिलेश यादव ने मनोज कुमार को टिकट दिया है. मनोज कुमार पूर्व जज (ADJ) हैं. खास बात ये है कि यहां अखिलेश यादव ने चंद्रशेखर आजाद के खिलाफ अपना उम्मीदवार बनाया है.
हाथरस-लालगंज और अलीगढ़ से भी उतारे उम्मीदवार
इसी के साथ सपा ने हाथरस की सुरक्षित सीट से जसवीर वाल्मीकि और लालगंज से दरोगा सरोज को अपना उम्मीदवार घोषित किया है. जबकि अलीगढ़ से अखिलेश यादव ने जाट उम्मीदवार को मैदान में उतारा है. अखिलेश यादव ने भदोसी लोकसभा की सीट टीएमसी को दे दी है. माना जा रहा है कि वहां से ललितेश पति त्रिपाठी चुनाव लड़ेंगे.
माना जा रहा है कि अखिलेश ने पश्चिम यूपी के लिए अपनी रणनीति को बदल दिया है. जयंत चौधरी के अलग होने के बाद अखिलेश यादव ने पश्चिम यूपी में भी दलित कार्ड खेला है. अब देखना होगा कि अखिलेश का ये कार्ड लोकसभा चुनाव में क्या असर दिखाता है.
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