केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल (Anupriya Patel) की मां और बहन ने प्रभावशाली ओबीसी नेता सोनेलाल पटेल की जयंती (Sone lal Patel Birth Anniversary) मनाने के लिए मांगी गई अनुमति को ‘‘रद्द’’ किए जाने पर शनिवार को अनुप्रिया की आलोचना की, जिससे पारिवारिक कलह एक बार फिर सामने आ गई. शनिवार को लखनऊ में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अपना दल (कमेरावादी) का नेतृत्व करनी वालीं कृष्णा पटेल ने अपनी बेटी अनुप्रिया पटेल पर जमकर तीखे लहजे में हमला बोला. अब इसी पारिवारिक लड़ाई में अनुप्रिया पटेल के पति और यूपी सरकार के मंत्री आशीष पटेल ने भी अपनी प्रतिक्रिया सामने रखी है.
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यूपी तक से खास बातचीत में आशीष पटेल ने कहा,
“मैं तो माता जी को चरण छूकर प्रणाम करता हूं. बस एक विषय कहता हूं कि आप हिप्नोटिज्म से बाहर निकलिए. जो दबाव आपके ऊपर हैं, उन दबाव से आपको बाहर निकलना पड़ेगा. तभी आप पूरे परिवार को साथ लेकर चलेंगी. माता जी के ऊपर बहुत दबाव है. माता जी से कभी आप अकेले बैठ करके प्रेस वार्ता कराइए वो कुछ और बोलेंगी और जब वो साथ में बैठती हैं तो कुछ और बोलेंगी. दबाव के लेवल को आप समझ लीजिए.”
आशीष पटेल
‘यानी हिप्नोटाइज पल्लवी पटेल ने किया?’ इस पर आशीष पटेल ने कहा, “100%. माता जी और अनुप्रिया में अगर कोई झगड़ा होता, तो अनुप्रिया माता जी के लिए सीट न छोड़तीं और प्रचार न करने जातीं. आप इसी से समझ लीजिए दोनों मां-बेटी में कैसा प्रेम है. पर लड़ाई का कारण कुछ और है.”
अनुप्रिया पर जमकर बरसीं थीं कृष्णा पटेल
अनुप्रिया पर तीखा हमला बोलते हुए कृष्णा पटेल ने कहा, “वो परिवार में इतनी गंदगी फैला रही है. उसको शर्म नहीं आ रही बदतमीज को. मेरे सामने आ जाए, मैं उसको 2 चांटे लगाउंगी, मुंह तोड़ दूंगी नालायक का. होगी नेता, होगी मंत्री जिसके लिए. मंत्री और नेता मैंने अपनी कलम से बनाया है उसको. पहली बार विधायक मैंने जिताया है. दूसरी बार सांसद मैंने बनाया है. आज इसके दिमाग इतने खराब हो गए हैं. लोग कहते हैं ये आपके घर की लड़ाई है. घर की कोई लड़ाई नहीं है, यह लड़ाई वर्चस्व की है.”
आखिर क्या है विवाद की जड़?
विवाद की जड़ लखनऊ में इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान था, जहां अपना दल के दोनों गुट- कृष्णा पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (कमेरावादी) और अनुप्रिया पटेल की अगुवाई वाला अपना दल (सोनेलाल) यह जयंती मनाना चाहते थे.
अपना दल (सोनेलाल) को इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम आयोजित करने की अनुमति मिली, जबकि दूसरे गुट को यहां कार्यक्रम करने की अनुमति नहीं मिली. इससे आहत कृष्णा पटेल ने कहा, “आज जो हुआ वह अत्यंत दुखद और घृणित है. डॉक्टर सोनेलाल पटेल एक व्यक्ति विशेष से जुड़े व्यक्ति नहीं थे. वह पूरे राज्य के मसीहा थे.”
इस बीच, लखनऊ के पुलिस आयुक्त डीके ठाकुर ने कहा कि पल्लवी पटेल की बहन अनुप्रिया ने इंदिरा गांधी प्रतिष्ठान में कार्यक्रम करने की अनुमति मांगी थी और उन्हें अनुमति दी गई, जबकि पल्लवी को अनुमति नहीं दी गई क्योंकि एक ही स्थान पर एक ही कार्यक्रम करने की अनुमति दो दलों को नहीं दी जा सकती.
उन्होंने कहा, “तब इन्होंने एक होटल में प्रेस कान्फ्रेंस की और इसके बाद वे आईजीपी की ओर बढ़े. जब उन्हें बताया गया कि वे वहां नहीं जा सकते, तो वे अड़े रहे जिसके बाद इन नेताओं (पल्लवी पटेल, कृष्णा पटेल और एसबीएसपी नेता ओपी राजभर) को पुलिस लाइंस ले जाया गया.”
सोनेलाल पटेल का सपना तभी पूरा होगा जब विधानसभा-लोकसभा में हमारी ताकत बढ़ेगी: अनुप्रिया
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