कैंसर से भी बड़ी बीमारी है...आरक्षण के मुद्दे पर अनुप्रिया पटेल ने योगी सरकार को फिर घेरा, उठाए ये बड़े सवाल

सत्यम मिश्रा

• 09:25 PM • 04 Aug 2024

पहले नजूल भूमि विधेयक पर योगी सरकार को घेरने वाली अनुप्रिया पटेल ने अब आउटसोर्सिंग में आरक्षण का पालन ना होने को लेकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

anupriya patel

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Uttar Pradesh News : उत्तर प्रदेश की राजनीति इन दिनों गरमाई हुई है. लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद एक तरफ बीजेपी यूपी में अपने कम सीटें को लेकर मंथन कर रही है तो दूसरी तरफ उसके सहयोगी पार्टी के नेता अपने ही सरकार पर सवालिया निशान लगा रहे हैं. योगी सरकार पर सवाल उठाने वालों में सबसे पहला नाम केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल का नाम सबसे आगे है. पहले नजूल भूमि विधेयक पर योगी सरकार को घेरने वाली अनुप्रिया पटेल ने अब आउटसोर्सिंग में आरक्षण का पालन ना होने को लेकर प्रदेश सरकार को कटघरे में खड़ा कर दिया है.

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आरक्षण के मुद्दे पर सरकार को घेरा

बता दें कि रविवार को  लखनऊ के सहकारिता भवन में केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल अपना दल एस के मासिक बैठक कार्यक्रम में पहुंची, जहां उन्होंने तमाम मुद्दों पर अपनी प्रतिक्रिया दी.वहीं आउटसोर्सिंग में नियुक्ति को लेकर अनुप्रिया ने कहा कि, 'नियुक्तियों में आउटसोर्सिंग के जरिए चतुर्थ श्रेणी के कर्मचारी है उनकी भर्तियां हो रही है. उसमें आरक्षण का पालन नहीं हो रहा है चतुर्थ श्रेणी की जो नौकरियां होती थी. उसमें जो वंचित वर्ग है, दबा-कुचला वर्ग है उनको इसमें भर्तीयां मिलती थी. आउटसोर्सिंग के जरिए भार्ती हो रही है और उसमें आरक्षण का कोई नियम लागू नहीं है. छोटी-मोटी क्लास जॉब पाने का जो गुंजाइश था वो खतम हो गई. हमारी पार्टी चाहती जो नियुक्ति हो उसके आरक्षण का नियम पालन हो.' 

भड़कीं अनुप्रिया पटेल

अनुप्रिया पटेल ने कहा कि आउटसोर्सिंग की भर्ती बहुत बड़ा मुद्दा और चिंता का विषय है. साथ ही कहा कि कैंसर बहुत खतरनाक बीमारी है, उससे भी ज्यादा आउटसोर्सिंग खतरनाक है. वहीं अनुप्रिया पटेल के इस बयान के बाद एक बार फिर यूपी की राजनीति गरमा गई है. वहीं यूपी विधान सभा में नजूल विधेयक को लेकर अनुप्रिया ने मीडिया से कहा कि, 'नजूल भूमि को लेकर जो विधेयक आया है. वो उत्तर प्रदेश विधानसभा में सबने देखा है. नजूल भूमि विधायक सेलेक्ट कमेटी को जा चुका है. अपना दल ने अपना पक्ष रख दिया है. ये गैर जरूरी है. जन भावनाओं के खिलाफ है.

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