यूपी विधानसभा में बुधवार को बजट का 6वां दिन है. विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ ने सपा चीफ और नेता प्रतिपक्ष अखिलेश यादव के पीडीए के नारे पर तंज कसा है. सीएम योगी ने कहा कि सपा के लिए पीडीए का मतलब है परिवार डेवलपमेंट अथॉरिटी है.
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उन्होंने आगे कहा कि परिवार के 3 लोगों के नाम (लोकसभा चुनाव के लिए सपा की प्रत्याशियों की लिस्ट) थे पर उनके चच्चू (शिवपाल यादव) को छोड़ दिया.चच्चू लगातार रगड़ते रहे. अगर ये राम को मानते तो चच्चू को साइडलाइन नहीं करते. कम से कम महाभारत ही पढ़ लें.
बता दें कि पिछले दिनों सपा ने लोकसभा चुनाव के लिए प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी की थी. इस लिस्ट में अखिलेश यादव परिवार के डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव का नाम शामिल है. सपा के प्रत्याशियों की पहली लिस्ट में अखिलेश यादव के चाचा शिवपाल यादव का नाम नहीं है.
विधानसभा में सीएम योगी ने कहा कि मैंने नेता प्रतिपक्ष (अखिलेश यादव) के पूरे भाषण में मैं इंतजार करता रहा कि वो कब सदी की सबसे बड़ी घटना की बात करेंगे, पर वो ध्यान भटकाते रहे, तथ्य और सच नही बल्कि अपनी बातों का जबरन थोपने का काम करते रहे.
उन्होंने आगे कहा कि 500 सालों के लंबे संघर्ष के बाद समाधान निकाला और रामलला विराजमान हुए. दुनिया की पहली घटना जब प्रभु को अपने अस्तित्व के लिए प्रमाण जुटाने पड़े. दीपोत्सव और उत्सव के जरिए सबने इस क्षण को मनाया.
सीएम योगी ने कहा कि हमने अपना वचन निभाया और मंदिर वही बनाया. हम सिर्फ बोलते नहीं है और करते भी है. यह कार्य बहुत पहले हो जाना था. मंदिर का मामला न्यायालय में था , लेकिन सड़कों और घाटों को चौड़ा किया जा सकता था.
उन्होंने कहा कि यह मेरा और मेरी सरकार का सौभाग्य है कि अयोध्या में काम करने का हमे मौका मिला. विवाद स्थल का है, लेकिन लोगों को सुविधाएं तो दी जा सकती हैं. जब व्यक्ति शाश्वत नहीं है तो कुर्सी कैसे शाश्वत होगी. इसलिए मैं नोएडा और बिजनोर भी गया. अयोध्या के साथ अन्याय हुआ था.
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