यूपी के सबसे पिछड़े क्षेत्र बुंदेलखंड के बांदा को बीएसपी का मजबूत गढ़ माना जाता रहा, जब नसीमुद्दीन और बाबू सिंह जैसे नेता प्रदश सरकार में प्रतिनिधित्व करते रहे, लेकिन पिछली बार की तरह इस बार भी बीजेपी ने बीएसपी का खाता नहीं खोलने दिया.
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इस बार बीजेपी और एसपी के आगे फिर बीएसपी बेबस दिखाई दी. पिछली बार की तरह इस बार बीजेपी क्लीन स्वीप नहीं कर पाई. जिले की 4 विधानसभा सीटें हैं. बीजेपी के खाते में 3 सीटें गईं, जबकि एक पर एसपी ने कब्जा किया. वहीं बीएसपी का खाता ही नहीं खुल पाया.
तिंदवारी विधानसभा सीट से बीजेपी प्रत्याशी रामकेश निषाद ने एसपी के ब्रजेश प्रजापति को 28425 वोटों से हराया. विधानसभा चुनाव से ठीक पहले ब्रजेश प्रजापति ने एसपी जॉइन किया था. वहीं तीसरे नंबर पर बीएसपी से जयराम सिंह रहे.
बबेरू विधानसभा सीट पर एसपी ने जीत का पताका फहराया. यादव बाहुल्य इस विधानसभा क्षेत्र से एसपी के विशम्भर यादव ने बीजेपी के अजय पटेल को 7397 वोटों से हराया. वहीं बीएसपी से रामसेवक शुक्ला तीसरे नंबर पर रहे.
नरैनी विधानसभा (सुरक्षित) से बीएसपी के कद्दावर नेता गयाचरण दिनकर फिर चुनाव हार गए. वह तीसरे नंबर पर रहे. यहां से बीजेपी प्रत्याशी ओममणि वर्मा ने हाल ही में भाजपा से एसपी में आईं किरण वर्मा को 6719 वोटों से हराया.
सदर विधानसभा से मुकाबला कांटे का रहा, लेकिन मौजूदा विधायक प्रकाश द्विवेदी ने एसपी प्रत्याशी मंजुला सिंह को 15234 वोटों से हराया. वहीं बीएसपी से धीरज राजपूत तीसरे नंबर पर रहे. मंजुला सिंह पूर्व मंत्री स्व विवेक सिंह की पत्नी हैं. पिछली बार कांग्रेस के टिकट पर विवेक सिंह ने चुनाव लड़ा था, लेकिन तीसरे नंबर पर रहे थे.
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