उत्तर प्रदेश के राज्य मंत्री दिनेश खटीक (Dinesh Khatik) के द्वारा उठाए गए सवालों के बाद गुरुवार की शाम को खटीक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मिले, जहां कैबिनेट मंत्री स्वतंत्रदेव सिंह (Swatantra Dev Singh) भी मौजूद थे. बैठक के बाद बाहर निकले दिनेश खटीक ने कहा कि उनकी संभावित समस्याओं का समाधान हुआ है, सीएम योगी ने कार्रवाई की बात की है और वो अपने विभाग में काम करते रहेंगे.
ADVERTISEMENT
इसके साथ ही जलशक्ति राज्यमंत्री दिनेश खटीक की मुख्यमंत्री और कैबिनेट मंत्री के साथ हुई एक घंटे की बैठक में सभी विषयों पर चर्चा के बाद उनके विभाग से जाने की तमाम अटकलों पर पूर्ण विराम लग गया. खटीक ने यह भी कहा कि सीएम योगी जीरो टॉलरेंस की नीति पर काम कर रहे हैं और वहीं स्वतंत्र देव सिंह को अपना बड़ा भाई बताते हुए उन्होंने कहा कि वह कैबिनेट मंत्री हैं और उनके साथ काम जारी रखेंगे.
इस पूरे मामले में जहां सरकार और अधिकारियों के बीच चल रही रार को सामने ला दिया है तो वहीं सवाल ये उठता है कि आखिर मुख्यमंत्री से मुलाकात में खटीक को लेकर के क्या कुछ बातें सामने आई हैं. सूत्रों के मुताबिक इस मुलाकात में खटीक ने अपने पक्ष को मुख्यमंत्री के सामने रखा और साथ में यह भी बताया कि कैसे समय-समय पर अधिकारी उनकी बातों को अनदेखी करते रहे. इस मामले के साथ ही अन्य मामलों को भी खटीक ने सीएम के सामने रखा है. इस पूरे मामले पर सीएम ने राज्यमंत्री से कई सवाल भी किए.
सूत्रों के मुताबिक मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्यमंत्री की बातों को सुना और इसके साथ ही इस पर कार्रवाई करने की भी बात कही है. साथ ही इस बात को भी कहा गया कि अधिकारी मंत्रियों की बात को सुनेंगे और किसी भी बातों को अनदेखा नहीं किया जा सकता. इसके साथ ही जल शक्ति कैबिनेट मंत्री स्वतंत्र सिंह और राज्य मंत्री के बीच समन्वय के साथ काम करने की बात भी कही गई है.
इस बीच अब माना जा रहा है कि बैठक के बाद पूरे घटनाक्रम की गाज कुछ अफसरों पर गिर सकती है. इस मामले में दिनेश खटीक के निशाने पर सबसे ज्यादा अफसर ही हैं. इस्तीफे को लेकर भेजे गए लेटर में उन्होंने अफसरों पर ही सबसे ज्यादा नाराजगी जताई थी और इस बात को कहा था कि दलित नेता होने के नाते इनकी उपेक्षा की जाती है और अधिकारियों के फोन नहीं उठाते.
दिनेश खटीक इन इससे पहले भी दो मंत्री अपनी अधिकारियों की कार्यशैली को लेकर के सवाल उठा चुके हैं और इस बीच में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने मामले के उठते ही तमाम मंत्रियों को अधिकारियों की बात सीधे ना सुनने की राय दी थी और समन्वय के साथ काम करने की बात कही थी. दूसरी तरफ दिनेश खटीक के मामले ने प्रदेश के सियासी पारे को भी बढ़ाया, लेकिन समय रहते सरकार की तरफ से डैमेज कंट्रोल की कोशिश कर ली गई.
इस बैठक के बाद भले ही इस मामले का पटाक्षेप हो गया हो, लेकिन एक बात साफ नजर आती है कि अधिकारियों और मंत्रियों के बीच की तल्खी लगातार बढ़ रही है और यह योगी सरकार के लिए ये परेशानी का सबब बनता नजर आ रहा है. जहां लगातार और मंत्री भी अपने अधिकारियों को लेकर के सवाल खड़े कर रहे हैं और रिपोर्ट तलब कर रहे हैं जो विभाग में हो रहे मनमाने कामों और अनियमितताओं को उजागर कर रही है.
ये भी पढ़ें-
मंत्री दिनेश खटीक का रहा है विवादों से नाता, वकील के सुसाइड मामले में भी रह चुके हैं आरोपी
ADVERTISEMENT