UP Nikay Chunav. इलाहाबाद हाई कोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश में नगरीय निकाय चुनाव (UP Urban body elections) बिना ओबीसी आरक्षण के कराने का फैसला सुनाया था. साथ ही कोर्ट ने राज्य सरकार के नगरीय निकाय चुनाव संबंधी मसौदा अधिसूचना को रद्द भी कर दिया.
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कोर्ट के इस फैसले पर प्रदेश के डिप्टी सीएम केशव प्रसाद मौर्य ने कहा कि हाई कोर्ट के फैसले का सम्मान है लेकिन हम सहमत नहीं हैं. सुप्रीम कोर्ट में अपील करने जा रहे हैं. संभवतः अब तक हो भी गई होगी.
UP Politics: उन्होंने कहा कि योगी सरकार का फैसला है कि जब तक ओबीसी आरक्षण प्रक्रिया पूरी नहीं होगी, जब तक हक नहीं दिलवा देंगे तब तक निकाय चुनाव नहीं होगा.
वहीं, डिप्टी सीएम केशव मौर्य ने समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने कहा कि सपा हताश उदास है. लगातार हार रही है भविष्य में भी यही होना है.
डिप्टी सीएम ने कहा कि चाहें अखिलेश हों या उनके दोनों चाचा हों चाहें उनके कोई भी बड़े छोटे भाई हों उन्हें केशव प्रसाद मौर्या सहन नहीं होता है, क्योंकि मैं पिछड़े वर्ग से आता हूं.
उत्तर प्रदेश न्यूज़: वहीं, जेल में बंद बाहुबली पूर्व विधायक मुख्तार अंसारी से जुड़े सवाल पर मौर्य ने कहा कि कोई माफिया-अपराधी अगर यह समझता है कि वह गुंडई के बल पर सब कुछ बदल कर रख देगा तो वह युग चला गया है. अब मोदी-योगी के नेतृत्व में बीजेपी का युग है. अपराध करने वालों का भविष्य खतरे में हैं.
बिना ओबीसी आरक्षण के निकाय चुनाव कराने का आदेश
बता दें कि कोर्ट ने बिना ओबीसी आरक्षण के चुनाव कराने का आदेश दिया है. यानी कोर्ट ने सरकार के द्वारा जारी निकाय चुनाव में ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है. अब ओबीसी के लिए आरक्षित सभी सीटें अब जनरल मानी जाएंगी.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने यूपी सरकार के द्वारा जारी की गई ओबीसी आरक्षण सूची को रद्द कर दिया है. कोर्ट ने कहा है कि ओबीसी को आरक्षण देने के लिए एक डेडिकेटेड कमीशन बनाया जाए, तभी दिया जा सकेगा ओबीसी आरक्षण.
कोर्ट ने निर्देश देते हुए कहा कि सरकार ट्रिपल टी फॉर्मूला अपनाए, इसमें समय लग सकता है. ऐसे में अगर सरकार और निर्वाचन आयोग चाहे तो बिना ओबीसी आरक्षण के ही तुरंत चुनाव करवाया जा सकता है.
कोर्ट के इस आदेश के बाद अब प्रदेश में किसी भी तरह का ओबीसी आरक्षण नहीं रह गया है. यानी सरकार द्वारा जारी किया गया ओबीसी आरक्षण नोटिफिकेशन रद्द हो गया है. अगर सरकार या निर्वाचन आयोग अभी चुनाव कराता है तो ओबीसी के लिए आरक्षित सीटों को जनरल मानकर चुनाव होगा. वहीं दूसरी तरफ एससी-एसटी के लिए आरक्षित सीटें यथावत रहेंगी, इसमें कोई बदलाव नहीं होगा.
UP News: गौरतलब है कि सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों के अनुसार ‘ट्रिपल टेस्ट फॉर्मूले’ के बिना सरकार द्वारा तैयार किए गए ओबीसी आरक्षण के मसौदे को चुनौती देने वाली जनहित याचिकाओं पर उच्च न्यायालय का यह फैसला आया.
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