UP Nagar Nikay Election: उत्तर प्रदेश के निकाय चुनाव में हाईकोर्ट ने ओबीसी आरक्षण को रद्द कर दिया है इसके बाद राजनीति गर्मा गई है. बीजेपी जहां डैमेज कंट्रोल में जुटी है तो में जुटी है तो योगी सरकार को घेरने के लिए विपक्षी दलों को बैठे-बैठाए एक बड़ा मुद्दा मिल गया है. वहीं आरक्षण के मुद्दे पर घिरी भाजपा ने इस भवंर से निकलने और विपक्षी दलों को जवाब देने के लिए नई रणनीति बनाई है. अखिलेश यादव पर हमले के लिए संजय निषाद, अनुप्रिया पटेल और ओमप्रकाश राजभर जैसे नेताओं ने कमान थामी है.
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बीजेपी के इस त्रिस्तरीय रणनीति में पहला घेरा बीजेपी के पिछड़े नेताओं का है और दूसरा घेरा बीजेपी के सहयोगी दलों के बड़े पिछड़े चेहरों का है और तीसरा घेरा समाजवादी पार्टी विरोधी पिछड़े दलों का है जो अखिलेश पर हमले करेंगे.
ओमप्रकाश राजभर पिछड़ा आयोग के बहाने आरक्षण के भीतर आरक्षण का मुद्दा उठाने जा रहे हैं. अब वह पिछड़ा आयोग से मांग करेंगे की आयोग ट्रिपल टेस्ट की अनुशंसा में आरक्षण के भीतर आरक्षण का फार्मूला लागू करे. ओमप्रकाश राजभर अखिलेश यादव पर हमलावर हैं. बीजेपी के पिछड़े नेता भी अखिलेश यादव पर हमला कर रहे हैं. संजय निषाद सरीखे सहयोगी जोकि पिछड़ी जाति निषाद पार्टी के प्रमुख हैं, वह भी सपा पर हमलावर हैं. ऐसे में आरक्षण को लेकर यह लड़ाई दिलचस्प गई है.
अखिलेश यादव ने आरक्षण मामले को पूरी तरीके से गरमा दिया है और बीजेपी को आरक्षण विरोधी करार देने में सबसे आगे हैं. सरकार की एक गलती की वजह से बीजेपी बैकफुट पर आ गई. जब निकाय चुनाव में आरक्षण के सवाल पर हाईकोर्ट ने फैसला सुना दिया कि बगैर आरक्षण के ही चुनाव करा दिया जाए.
हालांकि बीजेपी और सरकार की तरफ से मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तुरंत यह ऐलान किया कि बगैर ओबीसी आरक्षण कि यह चुनाव नहीं होगा और 24 घंटे के भीतर ही निकाय चुनाव को लेकर पिछड़ा आयोग का गठन भी कर दिया गया. लेकिन समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने इस मुद्दे को लपक कर बीजेपी को बैकफुट पर धकेल दिया.अब अखिलेश यादव आरक्षण विरोधी यात्रा पूरे प्रदेश में निकालने जा रहे हैं. आरक्षण विरोध मामले को गर्माता देख बीजेपी ने नई रणनीति बनाई है. अपने पिछड़े चेहरों को आगे किया सहयोगी दलों और ओमप्रकाश राजभर तरीक पिछड़े चेहरे अखिलेश पर हमलावर हो गए.
ओमप्रकाश राजभर पिछड़ा आयोग के जरिए आरक्षण के भीतर आरक्षण की मांग उठाने जा रहे हैं, जो अखिलेश यादव को असहज कर सकती है. हालांकि बीजेपी ने सामाजिक न्याय समिति का गठन कर रखा है और इसकी आखिरी अनुशंसा अभी आनी बाकी है. लेकिन पिछड़ा आयोग के गठन के बहाने अब बीजेपी और दूसरे पिछड़े नेता जो बीजेपी के साथ हैं, वह इस मुद्दे को उठाकर समाजवादी पार्टी को घेरने की कोशिश करेंगे. यही बीजेपी की नई स्ट्रेटजी दिखाई दे रही.
OBC आरक्षण को लेकर अखिलेश ने बोला बड़ा हमला, ‘रिजर्वेशन रिवोल्यूशन की कगार पर पिछड़े-दलित’
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