उत्तर प्रदेश में अगले साल होने वाले विधानसभा चुनाव में कामयाबी के लिए राजनीतिक दल हरसंभव कोशिश करते दिख रहे हैं. बात समाजवादी पार्टी (एसपी) की करें तो बताया जा रहा है कि उसके कई विधायकों के टिकट पर तलवार लटकी हुई है.
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एसपी विधायकों के क्षेत्र की भी स्क्रीनिंग करवा रही है, ऐसे में निष्क्रिय और गलत बयानबाजी करने वाले विधायक निशाने पर आ सकते हैं. पिछले दिनों हुए जिला पंचायत चुनाव के दौरान जो विधायक निष्क्रिय थे, उनका पत्ता गुल होना तय माना जा रहा है.
एसपी के 49 एमएलए हैं, वहीं 48 विधान परिषद के सदस्य हैं. कई विधान परिषद सदस्य भी आगामी विधानसभा चुनाव में पार्टी का उम्मीदवार बनना चाहते हैं. मगर पार्टी आला कमान किसी भी कीमत पर जीत हासिल कर पाने की स्थिति वाले उम्मीदवारों पर ही दांव खेलेगा.
पार्टी एक चरण की स्क्रीनिंग करवा चुकी है और अभी 6 चरण बाकी हैं. ये 6 चरण पूरे होने के बाद ही होगी टिकट का ऐलान होगा.
इस बीच दूसरे दलों के नेताओं के एसपी में शामिल होने का सिलसिला भी जारी है. हाल ही में कांग्रेस की प्रदेश इकाई के उपाध्यक्ष गयादीन अनुरागी ने समाजवादी पार्टी का दामन थामा था.
समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव की मौजूदगी में जन परिवर्तन दल के अध्यक्ष जेपी धनगढ़ भी एसपी में अपनी पार्टी के विलय की घोषणा कर चुके हैं.
एसपी में शामिल होने वालों में दलित महासभा के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल भारतीय, बलरामपुर के पूर्व सांसद और तीन बार के विधायक रिजवान जहीर, पूर्व विधायक आरपी कुशवाहा, विनोद चतुर्वेदी भी शामिल हैं.
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