UP By Election 2024 : उपचुनावों में राजनीतिक सरगर्मी हर बार देखने को मिलती है, और यूपी की नौ विधानसभा सीटों पर होने वाले उपचुनाव में भी ऐसी स्थिति देखने को मिल रही है. सत्ता पक्ष और विपक्ष दोनों ने इस सीट को जीतने के लिए अपनी पूरी ताकत झोंक दी है. चुनाव प्रचार के दिनों में आरोप-प्रत्यारोप का दौर जारी है. इस बीच 'लाल कार्ड' ने सबका ध्यान अपनी ओर खींचा है. मतदान से से 24 घंटे पहले समाजवादी पार्टी (सपा) के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने प्रशासनिक अधिकारियों पर पक्षपात करने का गंभीर आरोप लगाया है.
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अखिलेश यादव ने उठाए सवाल
सपा प्रमुख ने एक लाल रंग की पर्ची की तस्वीर साझा करते हुए दावा किया कि अधिकारी इन लाल कार्ड का उपयोग कर मतदाताओं पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहे है. उन्होंने चुनाव आयोग से इस मामले को संज्ञान में लेने और तत्काल प्रभाव से कार्रवाई करने की मांग की है.
अखिलेश यादव ने एक्स पर अपने पोस्ट में लिखा, "चुनाव आयोग तुरंत इस बात का संज्ञान ले कि उत्तर प्रदेश में शासन-प्रशासन पक्षपातपूर्ण रवैया अपना रहा है और मतदान को बाधित करने के लिए 'नोटिस-चेतावनी' के लाल कार्ड बांटकर मतदाताओं पर दबाव बना रहा है. यह संविधान द्वारा दिए गए वोटिंग के अधिकार को छीनने का गैर-कानूनी कार्य है. इसे अपराध के रूप में दर्ज कर तुरंत कार्रवाई की जाए अन्यथा माननीय सर्वोच्च न्यायालय से अपील होगी."
क्या है लाल कार्ड
बता दें कि लाल कार्ड कोई साधारण राशन कार्ड नहीं है, बल्कि पुलिस का एक विशेष नोटिस है. पुलिस ने उन लोगों को चिह्नित करना शुरू कर दिया है जिन पर चुनाव के दौरान कानून व्यवस्था बिगाड़ने का शक है. उत्तर प्रदेश में जिन सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं वहां पुलिस ऐसा कदम उठा रही है. पुलिस इन व्यक्तियों को आगाह कर रही है कि अगर उन्होंने कोई गड़बड़ी की तो उनके खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी. इसका उद्देश्य शांतिपूर्ण मतदान सुनिश्चित करना है. पुलिस की इस कार्रवाई पर पहले भी सवाल उठे हैं.
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