अमेठी (Amethi News) के संजय गांधी अस्पताल को प्रशासन ने बंद कर दिया है. संजय गांधी अस्पताल का लाइसेंस निरस्त कर दिया गया है. दरअसल अमेठी के इस अस्पताल पर आरोप है कि यहां मरीज को इंजक्शन लगा दिया गया, जिसके बाद वह कोमा में चली गई और उसकी मौत हो गई. अब इस मामले में भारतीय जनता पार्टी के सांसद वरुण गांधी (Varun Gandhi) ने नाराजगी जताई है. इसको लेकर वरुण गांधी ने उत्तर प्रदेश के उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक (Brajesh Pathak) को लेटर भी लिखा है.
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सोशल मीडिया X पर वरुण गांधी ने लेटर को शेयर भी किया. इस दौरान उन्होंने लिखा, “गहन जांच के बिना, अमेठी में संजय गांधी अस्पताल के लाइसेंस का त्वरित निलंबन, उन सभी व्यक्तियों के साथ अन्याय है जो न केवल प्राथमिक स्वास्थ्य सेवाओं के लिए बल्कि अपनी आजीविका के लिए भी संस्थान पर निर्भर हैं. वरुण गांधी ने X पर आगे लिखा, “मैं आदरपूर्वक उत्तर प्रदेश सरकार से इस फैसले पर पुनर्विचार की मांग करता है. मेरी आशा है कि हमारे नागरिकों की चिकित्सा सेवाओं तक पहुंच बिना किसी रोक के बनी रहे.”
इस पत्र में वरुण गांधी ने ये भी बताया है कि इस अस्पताल का उद्धाटन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने किया था. इस अस्पताल का असर सिर्फ अमेठी के ही स्वास्थ्य सेवाओं पर नहीं है बल्कि आस-पास के जिलों पर भी इसका असर है. वरुण गांधी ने कहा है कि जवाबदेही तय की जाए पर अस्पताल बंद होने से लोगों को भारी दिककतों का सामना करना पड़ेगा.
आखिर क्यों बंद किया गया संजय गांधी अस्पताल
दरअसल 4 दिन पहले मुसाफिरखाना के रामशहपुर गांव की रहने वाली दिव्या शुक्ला अपने परिजन के साथ पथरी का ऑपरेशन कराने के लिए संजय गांधी अस्पताल में आई थी. यहां उसे ऑपरेशन के दौरान इंजेक्शन दिया गया. मिली जानकारी के मुताबिक, इसके बाद वह उसकी हालत खराब हो गई और वह कोमा में चली गई. उसे लखनऊ रेफर किया गया. मगर यहां एक अस्पताल में उसकी मौत हो गई.
बता दें की मरीज की मौत के बाद मृतका के परिजनों ने संजय गांधी अस्पताल के सामने शव रखकर विरोध प्रदर्शन किया था. परिजनों द्वारा अस्पताल से 1 करोड़ की सहायता राशि की मांग की गई. इसी के साथ आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई. पीड़ित परिवार की तहरीर पर जिला प्रशासन की तरफ से अस्पताल के 4 लोगों के खिलाफ केस दर्ज किया गया.
जिला प्रशासन ने जारी किया अस्पताल को बंद करने का आदेश
बता दें कि इस मामले में जिला अस्पताल के द्वारा संजय गांधी अस्पताल को नोटिस जारी किया गया था. इसके 48 घंटे बाद जिला प्रशासन ने अस्पताल को बंद करने का आदेश जारी कर दिया था. इसके बाद अस्पताल की ओपीडी सेवाओं को भी बंद कर दिया गया. अस्पताल की सुरक्षा को देखते हुए पीएसी समेत कई थानों की फोर्स भी लगा दी गई है.
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