’एक देश, एक चुनाव’ की व्यवस्था के तहत् देश में लोकसभा, विधानसभा व स्थानीय निकाय का चुनाव एक साथ कराने वाले प्रस्ताव को केंद्रीय कैबिनेट द्वारा आज दी गयी मंजूरी पर हमारी पार्टी का स्टैण्ड सकारात्मक है, लेकिन इसका उद्देश्य देश व जनहित में होना ज़रूरी.’ वन नेशन-वन इलेक्शन के ऊपर बहुजन समाज पार्टी की चीफ और उत्तर प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने ये बयान देकर मोदी सरकार की महत्वाकांक्षी पहल एक देश-एक चुनाव को अपना समर्थन दे दिया है. ये पहली बार नहीं है जब बसपा सुप्रीमो ने किसी ऐसे मुद्दे पर मोदी सरकार का साथ दिया हो, जिसका अन्य विपक्षी दलों द्वारा विरोध किया जा रहा हो.
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दरअसल कल यानी बुधवार के दिन मोदी कैबिनेट ने पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद की अध्यक्षता में ‘एक देश-एक चुनाव’ को लेकर बनी उच्च स्तरीय समिति की सिफारिशों को स्वीकार कर लिया. इसी के साथ एक देश-एक चुनाव के मुद्दे को लेकर मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठा दिया है.
वन नेशन-वन इलेक्शन के विरोध में उतरा विपक्ष
जैसे ही मोदी कैबिनेट ने समिति की सिफारिशों को स्वीकर किया, वैसे ही विपक्षी राजनीतिक दल सरकार पर हमलावर हो गए. विपक्षी दलों ने वन नेशन-वन इलेक्शन पर सवाल उठाने शुरू कर दिए और मोदी सरकार पर हमलावर हो गए. विपक्षी दलों द्वारा साफ कहा गया कि देश में एक साथ चुनाव कराना व्यावहारिक नहीं है. इसी के साथ उनकी तरफ से मोदी सरकार की मंशा पर भी सवाल उठाए गए.
कांग्रेस की तरफ से क्या कहा गया?
इस पूरे मुद्दे पर कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, भाजपा सिर्फ विधानसभा चुनावों में असल मुद्दों से ध्यान भटकाना चाहती है. यह व्यावहारिक नहीं है और ये काम भी नहीं करेगा. जब चुनाव आते हैं और भाजपा को कोई मुद्दा नहीं मिलता तो वह असली मुद्दों से ध्यान भटकाने के लिए कुछ ऐसा ही करते हैं.
इसी के साथ समाजवादी पार्टी के मुखिया और उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने भी वन नेशन-वन इलेक्शन को लेकर मोदी सरकार पर सवाल उठाए. मगर इन सभी के उलट बीएसपी सुप्रीमो मायावती ने इस मुद्दे पर सरकार का साथ दे दिया.
मायावती ने मोदी सरकार का फिर दिया साथ
बसपा सुप्रीमो मायावती ने जिस तरह की प्रतिक्रिया वन नेशन-वन इलेक्शन पर दी है, उसने विपक्षी दलों को एक बार फिर असहज कर दिया है. इस बार भी मायावती का साथ विपक्षी दलों को नहीं मिला है. बसपा सुप्रीमो के समर्थन ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार को बड़ी राहत दी है.
दरअसल इससे पहले भी कई बड़े फैसलों और पहलों में मोदी सरकार को बसपा सुप्रीमो मायावती का समर्थन मिला है. कुछ मुद्दे ऐसे भी रहे, जहां मोदी सरकार को मायावती का ना समर्थन मिला और ना ही विरोध मिला. मायावती के समर्थन की बात की जाए तो बसपा सुप्रीमो ने मोदी सरकार के ट्रिपल तलाक यानी तीन तलाक कानून का समर्थन किया था.
इसी के साथ जब मोदी सरकार ने बड़ा कदम उठाते हुए जम्मू-कश्मीर से अनुच्छेद-370 को खत्म किया था, तब भी मोदी सरकार को मायावती का समर्थन मिला था. सियासी जानकारों की माने तो मायावती को जो फैसले देशहित में लगता है, वह उसका समर्थन करने से पीछे नहीं हटती और बिना राजनीतिक नफा-नुकसान सोचे उसका समर्थन कर देती हैं. माना जा रहा है कि वन नेशन-वन इलेक्शन के मुद्दे पर मायावती ने इसलिए ही मोदी सरकार का साथ दिया है.
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