UP Political News: 2024 के लोकसभा चुनाव में वर्तमान की मोदी सरकार को सत्ता से हटाने की मंशा से बने 'INDIA' गठबंधन में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है. पश्चिम बंगाल में ममता बनर्जी ने ऐलान किया है कि उनकी तृणमूल कांग्रेस अकेले चुनाव लड़ेगी. वहीं, बिहार के सीएम नीतीश कुमार ने तो इंडिया गठबंधन से नाता तोड़कर NDA का दामन थाम लिया है. इन सब के बीच यूपी में इंडिया गठबंधन का नेतृत्व कर रहे समाजवादी पार्टी (सपा) के मुखिया अखिलेश यादव ने ऐसी सियासी चाल चल दी है, जो कांग्रेस के लिए गले का फांस बन गई है.
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आपको बता दें कि जिस वक्त बिहार से महागठबंधन सरकार के विदाई की इबारत लिखी जा रही थी ठीक उसी वक्त अखिलेश यादव ने X (पूर्व में ट्विटर) पर बताया कि कांग्रेस पार्टी के लिए 11 सीटें तय कर दी गई हैं और यह भी कहा कि कांग्रेस के साथ मजबूत गठबंधन की दिशा में प्रयास चल रहा है.
कांग्रेस पार्टी को तब यह पता भी नहीं था कि समाजवादी पार्टी ने उनके लिए 11 सीटें तय कर दी हैं. अखिलेश यादव के पोस्ट के बाद कांग्रेस को ऐसा लगा मानो कोई वज्रपात हो गया हो, क्योंकि समाजवादी पार्टी ने बिना कांग्रेस का इंतजार किए एकतरफा फैसला कर लिया.
कांग्रेस खेमे में मची हलचल
अखिलेश यादव ने जैसे ही 11 सीटों का ऐलान किया तो कांग्रेस पार्टी तिलमिला गई. कांग्रेस ने अखिलेश यादव के पोस्ट पर यह कह कर अपनी तरफ से सफाई दी कि अखिलेश यादव ने उनके लिए सीटें नहीं तय की हैं, बल्कि मिलने वाली सीटों की पहली किस्त का ऐलान किया है. जबकि अभी बातचीत आगे चलेगी और अभी आगे कई सीटें पार्टी को मिलेगी. पार्टी ने जो अपने लिए सीटों की संख्या तय की है, पार्टी उतने पर ही गठबंधन में जाएगी.
सपा ने कांग्रेस को ये सीटें की हैं ऑफर
सूत्रों की मानें तो समाजवादी पार्टी कांग्रेस के लिए अमेठी और रायबरेली के अलावा पश्चिमी उत्तर प्रदेश में फतेहपुर सिकरी या आगरा, बुलंदशहर, नोएडा, गाजियाबाद, सहारनपुर, कानपुर और महाराजगंज जैसी सीटों की लिस्ट तैयार कर रखी हैय. अगर कांग्रेस के साथ बात बनती है तो यह सीटें सपा कांग्रेस को ऑफर करने जा रही है. हो सकता है कि समाजवादी पार्टी की तरफ से सीटों की लिस्ट को भी X प्लेटफार्म पर सार्वजनिक कर दिया जाए.
हालांकि कांग्रेस पार्टी ने जो अपनी 25 मजबूत सीटों की लिस्ट दी है, उसमें इन सीटों का जिक्र भी है. बड़ा सवाल यह है कि आखिर जब कांग्रेस और समाजवादी पार्टी के बीच सीट बंटवारे को लेकर बातचीत चल रही थी तो फिर अखिलेश ने यह एक तरफा बंटवारे का फैसला क्यों किया? ऐसी चर्चा है कि अखिलेश यादव ने कांग्रेस की भाषा में ही कांग्रेस को जवाब दे दिया है.
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