Uttar Pradesh News: कहते हैं राजनीति में कुछ भी स्थायी नहीं होता और अगर बात उत्तर प्रदेश की राजनीति की करें तो यहां शेयर मार्केट से भी तेजी से समीकरणों में उतार-चढ़ाव देखने को मिलता है. उत्तर प्रदेश में हुए राज्यसभा चुनाव 'गंगाधर ही शक्तिमान है' वाली राजनीति एक साधारण सा उदाहरण मात्र है. यहां गांगधर से दिखने वाले नेता कब शक्तिमान बन जाते हैं, ये उनके पार्टी सुप्रीमो को ही नहीं पता चल पाता. मंगलवार को यूपी में दस सीटों पर राज्यसभा चुनाव हुए, जिसमें 11 उम्मीदवार मैदान में थे. भाजपा ने अपने आठवें उम्मीदवार को जीताने के लिए ऐसा समीकरण रचा की उसमें सपा के कई विधायक पाला बदलते हुए नजर आए. जिसमें विधायकों ने पाला बादला उनमें से सबसे ज्यादा चर्चा कौशांबी के चायल से विधायक पूजा पाल की रही.
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कौन हैं पूजा पाल
समाजवादी पार्टी के जिन सात विधायकों ने भाजपा को वोट दिया, उनमें विधायक पूजा पाल भी शामिल हैं. वोटिंग के बाद समाजवादी पार्टी (सपा) के विधायक पूजा पाल के अब भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) में शामिल होने की सुगबुगाहट तेज हो गई है. बता दें कि पूजा पाल चायल सीट से सपा की विधायक हैं. बसपा विधायक पति राजू पाल की हत्या के बाद वह राजनीति में आयीं थीं. बता दें कि राजू पाल की हत्या में अतीक़ अहमद और उसके भाई अशरफ़ नामज़द हुए थे. वहीं कहा जा रहा है अतीक अहमद के परिवार का दमन जिस तरह से योगी आदित्यनाथ की सरकार ने किया उसका कहीं ना कहीं असर पूजा पाल पर पड़ा. उनके पति की हत्या का आरोप अतीक अहमद पर ही था. माना जा रहा है कि पूजा पाल के लिए भाजपा का समर्थन करने का यह निर्णय इसी वजह से किया गया होगा.
शादी के तुरंत बाद हो गई थी पति की हत्या
पूजा पाल की शादी 16 जनवरी 2005 को बसपा विधायक राजू पाल से हुई थी. शादी के नौ दिन बाद ही वह विधवा हो गईं. दरअसल, अतीक अहमद के गुर्गों ने बसपा विधयाक राजू पाल को सरेआम गोलियों से भूनकर मौत के घाट उतार दिया था. राजू पाल की मौत के बाद से ही वह उनकी राजनीतिक विरासत संभालने के साथ-साथ अतीक गैंग से लोहा लेते आ रही हैं. वहीं राजू पाल की हत्याकांड में उमेश पाल भी अहम गवाह थे. पिछले साल उमेश पाल की भी गोली और बमों से हमला कर हत्या कर दी गई थी. उमेश पाल की सुरक्षा में लगे यूपी पुलिस के 2 जवानों की भी मौत हो गई थी.
अतीक गैंग पर लगे थे आरोप
वहीं उमेश पाल की हत्या के बाद कुछ महीने बाद ही इस हत्याकांड के आरोपी अतीक अहमद और उसके भाई अशरफ की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी. इस हत्याकांड में शामिल रहे अतीक के बेटे को पुलिस ने मार गिराया था. बता दें कि पति की हत्या के बाद पूजा ने हत्यारोपियों को सजा दिलाने के लिए लड़ाई लड़ी. साथ ही उनकी विरासत को आगे बढ़ाने के लिए राजनीति में कमद रखा. बसपा, सपा के बाद अब जल्द ही वो भाजपा का दामन थामते हुए नजर आ सकती हैं.
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