UP News: समाजवादी पार्टी चीफ अखिलेश यादव अब दिल्ली जा चुके हैं. वह लोकसभा में काफी एक्टिव हैं और अपने भाषणों से भाजपा सरकार पर हमलावर भी. इसी बीच अब सवाल ये है कि उत्तर प्रदेश विधानसभा में अखिलेश यादव किसे नेता प्रतिपक्ष बनाएंगे? बता दें कि लोकसभा चुनाव से पहले अखिलेश यादव ही यूपी विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष थे और उनका विधानसभा में सीएम योगी आदित्यनाथ से सामना होता था. मगर अब जब अखिलेश दिल्ली हैं तो अखिलेश और सपा के लिए काफी अहम हैं कि यूपी विधानसभा में सीएम योगी के सामने नेता प्रतिपक्ष किसे बनाया जाए?
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दरअसल ऐसे कई सवाल हैं, जो इस समय यूपी के सियासी हलकों में हैं. समाजवादी पार्टी किस नेता को नेता प्रतिपक्ष बनाएंगी? क्या नेता प्रतिपक्ष का चेहरा 2027 विधानसभा चुनाव को देखकर बनाया जाएगा? या नेता प्रतिपक्ष में भी परिवार का दवाब अखिलेश यादव के ऊपर हावी रहेगा? दरअसल माना जा रह है कि अखिलेश यादव एक बार फिर अपने विजयी समीकरण PDA यानी पिछड़ा-दलित-अल्पसंख्यक के फॉर्मुले को ही अपना सकते हैं.
चाचा शिवपाल क्या बीच में आएंगे?
चर्चा है कि अखिलेश यादव अपनी जगह किसी दलित चेहरे को नेता विपक्ष बना सकते हैं. अखिलेश यादव 2027 चुनाव को देखते हुए नेता विपक्ष का चेहरा चुनना चाहते हैं. मगर माना जा रहा है कि उनकी इस राह में उनके चाचा और सपा के कद्दावर नेता शिवपाल सिंह यादव की महत्वाकांक्षाएं भी बीच में आ सकती हैं.
क्या मुस्लिम चेहरे पर चलेंगे अखिलेश दांव?
चर्चा ये भी है कि सपा गैर यादव ओबीसी चेहरे पर भी दांव खेल सकती है. ये भी उम्मीद है कि हो सकता है कि अखिलेश इस बार किसी मुस्लिम चेहरे पर दांव खेले. सपा के पास मुस्लिम चेहरों में कई बड़े नाम हैं. मगर ऐसा नहीं लगता कि अखिलेश मुस्लिम चेहरा आगे करेंगे. पार्टी के रणनीतिकारों का मानना यह है कि अगर मुख्यमंत्री योगी के सामने किसी मुस्लिम चेहरे को खड़ा किया गया तो बीजेपी के लिए फिर सियासी ध्रुवीकरण आसान हो जाएगा.
दलित चेहरों में ये नाम हैं आगे
दलित चेहरे के तौर पर इंद्रजीत सरोज का नाम आगे हैं. वह कई बार से सांसद, मंत्री और विधायक रह चुके हैं. कुछ साल पहले तक वह बीएसपी के बड़े चेहरे के तौर पर जाने जाते थे. दूसरा नाम तूफानी सरोज का भी है. इनकी पूर्वांचल में पकड़ मानी जाती है. जाटव चेहरों में मनोज पारस, महेंद्र कुमार और राजेंद्र कुमार का नाम चल रहा है.
अगर बात की जाए ओबीसी चेहरों की तो उसमें गैर यादव चेहरे के तौर पर राम अचल राजभर, आरके वर्मा का नाम सामने आया है. चर्चा है कि चाचा शिवपाल भी नेता प्रतिपक्ष बनने की पूरी कोशिश कर रहे हैं. वरिष्ठा के हिसाब से भी देखा जाए तो शिवपाल का दावा मजबूत है. सूत्रों से पता चला है कि शिवपाल ने समर्थकों के साथ मिलकर इस पद की इच्छा भी जताई है. अब देखना ये होगा कि अखिलेश यादव किस चेहरे का चुनाव करते हैं.
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