अयोध्या (Ayodhya Ram Mandir) में बन रहे राम मंदिर का उद्घाटन 22 जनवरी के दिन होना है. इस ऐतिहासिक दिन को यादगार बनाने के लिए केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार और उत्तर प्रदेश की योगी सरकार लगी हुई है. राम मंदिर ट्रस्ट ने भी इस भव्य और दिव्य कार्यक्रम में शामिल होने वाले लोगों को आमंत्रित करना शुरू कर दिया है. बता दें कि इस कार्यक्रम में धर्म, राजनीति से लेकर सिनेमा, खेल और कारोबारी जगत के बड़े लोगों को बुलाया जा रहा है.
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इस कार्यक्रम में मंदिर ट्रस्ट द्वारा विपक्षी राजनीतिक दलों के नेताओं को भी बुलाया गया है, जिसमें मल्लिकार्जुन खड़गे और अरविंद केजरीवाल का नाम भी शामिल है. ऐसे में सबसे बड़ा सवाल ये है कि क्या उत्तर प्रदेश के मुख्य विपक्षी दल यानी समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव को भी इस कार्यक्रम के लिए निमंत्रण भेजा जाएगा?
अब आया मंदिर ट्रस्ट का जवाब
बता दें कि इस बारे में मंदिर ट्रस्ट के कार्यालय प्रभारी प्रकाश गुप्ता का बयान सामने आया है. उन्होंने सपा चीफ अखिलेश यादव को लेकर कहा है कि प्रभु सभी के हैं. ट्रस्ट बुलाए या ना बुलाए. मगर मंदिर दर्शन तो हर समय खुला रहता है. ट्रस्ट लोगों को आमंत्रित कर रहा है, लेकिन अगर किसी का नाम छूट जाए तो वह आए और भगवान श्रीराम के दर्शन करें. यहां सभी का स्वागत है.
अखिलेश दे चुके हैं ये बयान
दरअसल जब राम मंदिर कार्यक्रम का निमंत्रण विपक्षी दलों को भेजा गया था तो सपा चीफ अखिलेश यादव से भी पूछा गया था कि क्या वह राम मंदिर के कार्यक्रम में शामिल होंगे? इस पर अखिलेश यादव ने साफ कह दिया था कि अगर राम मंदिर ट्रस्ट उन्हें बुलाता है तो वह वहां जाएंगे.
राम मंदिर ट्रस्ट की तरफ से जो बयान सामने आया है, उसे देखते हुए लग रहा है कि शायद मंदिर ट्रस्ट की तरफ से अखिलेश यादव को आमंत्रित नहीं किया गया है. दरअसल मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कहा गया था कि वह देश के राष्ट्रीय राजनीतिक दलों के अध्यक्षों को इस कार्यक्रम में आमंत्रित करेगा. ऐसे में अखिलेश यादव की समाजवादी पार्टी राष्ट्रीय दलों में शामिल नहीं है. सपा एक क्षेत्रिय राजनीतिक दल है. ऐसे में अखिलेश यादव को शायद मंदिर ट्रस्ट की तरफ से कार्यक्रम में शामिल होने का निमंत्रण नहीं भेजा जा रहा है.
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