उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव 2022 के नतीजे सामने आने के बाद प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव ने एक बार फिर सियासी माहौल गर्मा दिया है. ऐसा कहा जा रहा है समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव और उनके चाचा शिवपाल यादव के बीच फिर दरार पैदा हो गई है.
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राजनीतिक गलियारों में इस बात के कयास लगाए जा रहे हैं कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शिवपाल को राज्यसभा भेज सकती है और जसवंतनगर सीट उनके बेटे आदित्य यादव को दे सकती है. अखिलेश ने विधानसभा चुनाव में आदित्य यादव को टिकट देने से इनकार कर दिया था.
ऐसा कहा जा रहा है कि दो दिन तक दिल्ली में बीजेपी के शीर्ष नेतृत्व से मुलाकातों के दौर फिर लखनऊ में बुधवार को सीएम योगी आदित्यनाथ से मुलाकात के बाद शिवपाल यादव के राज्यसभा जाने की पटकथा तैयार कर ली गई है.
बता दें कि सीएम योगी से बुधवार को मुलाकात के बाद शिवपाल ने गुरुवार को प्रगतिशील समाजवादी पार्टी के पदाधिकारियों के साथ बैठक की. कहा गया कि इस दौरान शिवपाल ने आगे की रणनीति को लेकर चर्चा की और इसके बाद अब वह कोई बड़ा फैसला ले सकते हैं.
एसपी की सहयोगी दलों की बैठक में नहीं गए थे शिवपाल
गौरतलब है कि बीते मंगलवार को एसपी चीफ अखिलेश यादव ने अपने सहयोगी दलों के साथ बैठक की थी. इस बैठक में प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के चीफ शिवपाल सिंह यादव भी आमंत्रित थे, लेकिन वह शामिल नहीं हुए. इसी के बाद चर्चाओं का दौर शुरू हो गए कि अखिलेश के कुनबे में फिर एक बार सब कुछ सही नहीं चल रहा है.
शिवपाल क्यों हुए नाराज?
आपको बता दें कि चुनाव के बाद नेता प्रतिपक्ष चुने जाने के लिए एसपी ने विधायकों की मीटिंग बुलाई थी, लेकिन इस बैठक में शिवपाल को न्योता नहीं मिला. उन्होंने इसे लेकर खुलेआम नाराजगी जताई और कहा कि वह दो दिनों से लखनऊ में इस मीटिंग का इंतजार कर रहे थे. इसके बाद शिवपाल लखनऊ से इटावा चले गए थे.
शिवपाल को मीटिंग में बुलाए जाने की क्यों थी उम्मीद?
दरअसल, 2022 का यूपी विधानसभा चुनाव शिवापल सिंह यादव ने एसपी के टिकट पर लड़ा था और जसवंतनगर सीट से उन्हें जीत हासिल हुई थी. नेता प्रतिपक्ष चुनने के लिए एसपी ने अपने विधायकों को न्योता दिया, ऐसे में शिवपाल को उम्मीद थी कि उन्हें भी बुलाया जाएगा, मगर ऐसा न हुआ.
वहीं, अब इन सब घटनाओं के बाद चर्चाओं का बाजार इस बात को लेकर गर्म हो गया है कि शिवपाल यादव बीजेपी के समर्थन से राज्यसभा का रुख कर सकते हैं, जबकि जसवंत नगर सीट से बीजेपी उनके बेटे आदित्य यादव को चुनाव मैदान में उतार सकती है. इतना तो तय है कि आने वाले दिनों में अभी और कई ट्विस्ट देखने को मिलेंगे और इस सब के बीच इस बात पर भी सभी नजर बनी रहेगी कि आखिर शिवपाल क्या कदम उठाएंगे?
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