यूपी के बांदा में बीते 15 फरवरी को एक मस्जिद में जीर्णोद्धार के दौरान हंगामे के बाद आज रविवार को पुलिस ने 40 से 50 अज्ञात VHP और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. पुलिस केस दर्ज करने के बाद मामले में आगे की कार्यवाही में जुट गई है. इधर VHP परिषद के जिलाध्यक्ष ने CM योगी को पत्र भेजकर मामले में जांच की मांग की है, उन्होंने स्थानीय प्रशासन पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं.
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क्या था मामला
मामला शहर कोतवाली के बलखंडी नाका इलाके मस्जिद का है. जहां 15 फरवरी को पुलिस की मौजूदगी में विहिप और बजरंग दल के कार्यकर्ताओं ने गाड़ियों को सड़क पर खड़ा जमकर हंगामा, खूब नारेबाजी की. पुलिस की मौजूदगी में मस्जिद में चल रहे निर्माण कार्य में लगे सामान पर जमकर तोड़फोड़ की. निर्माण में लगे शटरिंग के सामान, ड्रम, पटले आदि फेंक दिए। पुलिस मूकदर्शक बनी रही. मस्जिद में कोई बवाल न हो इसके लिए पुलिस ने मामले को शांत किया. मस्जिद पक्ष ने पुलिस से शिकायत कर कड़ी कार्यवाही की मांग की थी, आज पुलिस ने गंभीर धाराओं में केस दर्ज करके मामले में कार्यवाही शुरू कर दी है.
वहीं इस मामले पर विहिप जिलाध्यक्ष चंद्र मोहन बेदी ने कहा कि हमने मुख्यमंत्री को ज्ञापन इस बात के लिए दिया है कि SDM बांदा द्वारा जीर्णोद्धार की परमिशन 12 दिसम्बर को दी गयी थी. जीर्णोद्धार के नाम पर निर्माण कार्य चल रहा था, एक छत की स्लेप पड़ गयी. दूसरी की पड़ रही थी, मुहल्ले वासियों ने शिकायत की तो हम गए. हमने CM योगी से पूरे मामले की जांच की मांग की है. यह मामला बलखंडी नाका मामले का है. वहा मौके पर मशीनों से मस्जिद का निर्माण हो रहा था. हमने सुना है यहां विदेशी फंडिंग का पैसा आ रहा है. इसकी जांच जिला प्रशासन करेगा कि पैसा कहा से आया. हम CM से मांग करते हैं कि इसकी सही से जांच कराई जाए.
वहीं इस पूरे मामले पर बांदा के अभिनंदन ने कहा कि एक मस्जिद है, जिसका नाम हजरत बिलाल मस्जिद है, जो बलखंडी नाका में है. इसमें जीर्णोद्धार का कार्य किया जा रहा था, कुछ लोगो द्वारा आपत्ति की गई. उनका कहना था कि जीर्णोद्धार के नाम पर फेस काम किया जा रहा था. लोगों ने आपत्ति की और कंस्ट्रक्शन को रोकने का प्रयास किया. इस सम्बंध में मस्जिद के मुताबल्ली है उन्होंने लिखित शिकायत की है, जिसके आधार पर एफआईआर दर्ज करके आगे की कार्यवाही की जा रही है. साथ ही यह प्रश्न सवाल उठाया जा रहा था कि जो जीर्णोद्धार का काम चल रहा था. वो सही था या नही, इसकी जांच के लिए डीएम बांदा द्वारा कमेटी का गठन किया गया है. जिसमे ADM, ASP, सिटी मजिस्ट्रेट सदस्य हैं. कमेटी व्यापक रूप से जांच करेगी, जो भी जांच में आएगा उसी के अनुसार कार्यवाही की जाएगी.
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