Bundelkhand Expressway को बनाया जाएगा सोलर एक्सप्रेसवे! UPEDIA ने शुरू की ये खास तैयार

संतोष शर्मा

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Bundelkhand Expressway: उत्तर प्रदेश के बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे पर उत्तर प्रदेश सरकार एक नई शुरुआत करने जा रही है. बता दें कि बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को उत्तर प्रदेश सरकार अब सोलर एक्सप्रेसवे बनाने जा रही है. एक्सप्रेसवे पर सोलर पैनल के जरिए रोशनी के साथ साथ एक्सप्रेसवे से सटे आसपास के गांव भी जगमगाएंगे. UPEDIA ने इस दिशा में काम करना शुरू कर दिया है.

उत्तर प्रदेश एक्सप्रेसवे औद्योगिक विकास प्राधिकरण यानी UPEDIA, बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सौर ऊर्जा से लैस करने की तैयारी कर रहा है. UPEDIA की तरफ से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का लेटर जारी कर दिया गया है. पीपीपी मॉडल के अंतर्गत वृहद स्तर पर सोलर पैनल इंस्टॉलेशन के जरिए इस पूरे एक्सप्रेसवे को सौर ऊर्जा से लैस करने की अनूठी पहल की जा रही है.

UPEDIA ने मांगे आवेदन

मिली जानकारी के अनुसार, लगभग 296 किलोमीटर लंबे बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे को सौर ऊर्जा चालित एक्सप्रेसवे के तौर पर विकसित करने की कार्य योजना तैयार की गई है. इसके लिए UPEDIA की तरफ से एक्सप्रेशन ऑफ इंटरेस्ट का लेटर जारी कर कंपनियों के आवेदन मांगे गए हैं. इसके अंतर्गत सोलर पैनल को एंपैनल करने के लिए निजी कंपनियों से आवेदन और सुझाव मांगे गए हैं.

UPEDIA ने इसके लिए 17 अगस्त दोपहर 3 बजे तक कंपनियों से आवेदन मांगे हैं. सोलर पैनल लगाने वाली कंपनियों का आवेदन मिलने के बाद आगे इनको प्रेजेंटेशन के लिए बुलाया जाएगा, जिसके बाद सोलर पैनल लगाने की प्रक्रिया शुरू की जाएगी. बता दें कि 4 लेन वाले इस 296 किलोमीटर लंबे एक्सप्रेसवे में कैरेजवे और सर्विस लेन के तौर पर दो हिस्से हैं. इन्हीं दोनों के बीच लगभग 15 से 20 मीटर चौड़ाई की पट्टी वाला क्षेत्रफल पूरे एक्सप्रेसवे में खाली है. अब इसी क्षेत्र को सोलर पैनल से पाटने की योजना है, जिससे पूरा एक्सप्रेसवे सौर ऊर्जा से लैस होगा.

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UPEDIA के एसीईओ ने ये बताया

बता दें कि लखनऊ-आगरा एक्सप्रेसवे पर भी कई जगह सौर ऊर्जा के पैनल लगाए गए हैं. मगर इन पैनल से बनने वाली सोलर एनर्जी टोल प्लाजा और कुछ इलाके को ही रोशनी दे पाती है. लेकिन बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे के पूरे 296 किलोमीटर के रास्ते को ही सोलर एनर्जी से जगमगाने की योजना है. UPEDIA के एसीईओ हरिनाथ शाही का कहना है, “अभी यह शुरुआत है. अगर कार्य योजना ने ठीक ढंग से कम किया, पीपीपी मॉडल पर यह योजना कारगर रही तो एक्सप्रेसवे पर लगे सोलर पैनल से हम अतिरिक्त बिजली भी बना सकेंगे और जिसको भविष्य में पास के पावर ग्रिड से जोड़कर बुंदेलखंड एक्सप्रेसवे से सटे गांवों को भी रोशन करने की कोशिश होगी.

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