अविमुक्तेश्वरानंद एक फर्जी बाबा है और कांग्रेस... शंकराचार्य पर गोविंदानंद सरस्वती ने लगाए गंभीर आरोप

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Swami Avimukteshwaranand
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Uttar Pradesh News : स्वामी श्री गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने ज्योतिर्मठ के शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर काफी गंभीर आरोप लगाए हैं. गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद को 'फर्जी बाबा' तक कह डाला. मीडिया से बात करते हुए गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने शंकराचार्य स्वामी अविमुक्तेश्वरानंद पर हत्या और अपहरण तक का आरोप लगाया है. 

'संन्यासी' का दिखावा करते हैं अविमुक्तेश्वरानंद

रविवार को प्रेस कॉन्फ्रेंस में गोविंदानंद सरस्वती महाराज ने कहा, "मुक्तेश्वरानंद नाम का एक फर्जी बाबा इन दिनों काफी लोकप्रिय हो रहा है. पीएम मोदी ने उसके पैर छुए हैं और मुकेश अंबानी जैसे बड़े बिजनेसमैन ने उसका अपने घर पर स्वागत किया है. टीवी पर कुछ लोग उन्हें 'शंकराचार्य' का टैग दे रहे हैं. मैं देश के सभी नागरिकों को ये संदेश देना चाहता हूं कि मुक्तेश्वरानंद एक नंबर के फर्जी व्यक्ति हैं, वो अपने नाम के साथ साधु, संत या संन्यासी जोड़ने के लायक भी नहीं हैं, इसलिए शंकराचार्य के बारे में तो भूल जाइए."

केदारनाथ में गायब सोने पर कही ये बात

गोविंदानंद ने वाराणसी कोर्ट के आदेश को दिखाते हुए कहा कि, 'कोर्ट ने उनके खिलाफ गैर-जमानती गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था, उन्हें (अविमुक्तेश्वरानंद) भगोड़ा घोषित किया गया था. हम यह सब सुप्रीम कोर्ट को बताना चाहते हैं, लेकिन वे अगली तारीखें देते रहते हैं और हमें न्याय चाहिए.वे देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं.' गोविंदानंद ने आगे कहा कि, हम देश की खातिर ये सारे दस्तावेज सामने रख रहे हैं. अविमुक्तेश्वरानंद लोगों की हत्या और अपहरण कर रहे हैं, भगवान राम की प्राण प्रतिष्ठा पर सवाल उठा रहे हैं, वे संन्यासी बनकर शादियों में शामिल हो रहे हैं. वे कह रहे हैं कि केदारनाथ में 228 किलो सोना गायब है, क्या उन्हें सोने और पीतल में फर्क भी पता है?" 

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कांग्रेस खड़ी हैं उनके पीछे 

गोविंदानंद सरस्वती ने दावा किया कि, कांग्रेस अविमुक्तेश्वरानंद को समर्थन दे रही है. उन्होंने कहा कि प्रियंका गांधी वाड्रा ने 13 सितंबर 2022 को एक पत्र लिखकर उन्हें श्रद्धेय शंकराचार्य अविमुक्तेश्वरानंद के रूप में संबोधित किया. कांग्रेस ने एक पत्र जारी किया और अविमुक्तेश्वरानंद सुप्रीम कोर्ट पहुंच गए.जब सुप्रीम कोर्ट ने स्टे जारी किया था, तो प्रियंका गांधी वाड्रा ने अविमुक्तेश्वरानंद को शंकराचार्य के रूप में संबोधित करते हुए एक पत्र कैसे लिखा? क्या कांग्रेस तय करेगी कि शंकराचार्य कौन है? वह नरेंद्र मोदी के खिलाफ खड़े हैं और कौन उनका समर्थन प्रियंका गांधी वाड्रा कर रही हैं. जब राहुल गांधी हिंदू विरोधी टिप्पणी करेंगे तो अविमुक्तेश्वरानंद उनके साथ खड़े होंगे...क्यों? इसका कारण यह पत्र है. कांग्रेस खेल खेल रही है और अविमुक्तेश्वरानंद खिलौना हैं.

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