ओल्ड टैक्स रिजीम या नया टैक्स स्लैब, जानिए किस रास्ते से जाएंगे तो इनकम टैक्स ज्यादा बचाएंगे

हर्ष वर्धन

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New Income Tax Regime vs Old Tax Slab: वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने मंगलवार को बजट 2024-25 पेश किया. बता दें कि वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने आयकर प्रावधानों में कुछ बदलावों की घोषणा की है. मानक कटौती को 50 प्रतिशत बढ़ाकर 75,000 रुपये करने और नई कर व्यवस्था के तहत कर स्लैब में बदलाव का प्रस्ताव बजट में रखा गया है. वहीं, अब सबसे बड़ा सवाल यह है कि ओल्ड टैक्स रिजीम और नए टैक्स स्लैब में ज्यादा फायदे का सौदा कौनसा है. इस सवाल का जवाब जानने के लिए हमने चार्टेड अकाउंटेंट (CA) लोकमनी वार्ष्णेय से खास बातचीत की. खबर में आगे जानिए उन्होंने हमें क्या-क्या बताया?

सबसे पहले जानें कैसा है नया टैक्स स्लैब?

नए टैक्स स्लैब में तीन लाख तक की आय पर कोई टैक्स नहीं लगेगा. 3 से 7 लाख तक की कमाई पर 5 प्रतिशत इनकम टैक्स देना होगा. 7 से 10 लाख की आय होने पर 10 फीसदी की दर से आय कर लगेगा. 10 से 12 लाख के टैक्सेबल इनकम पर 15 फीसदी की दर से आयकर लगेगा. 12 से 15 लाख के टैक्सेबल इनकम पर 20 फीसदी आयकर लगेगा. 15 लाख से ज्यादा के टैक्सेबल आय पर 30 फीसदी की दर से आयकर लगेगा.

कर स्लैब दरें
रु. 3,00,000 तक शून्य
रु. 300,001 से रु. 7,00,000 5% (धारा 87ए के तहत कर छूट)
रु. 7,00,001 से रु. 10,00,000 10% (धारा 87ए के तहत 7 लाख रुपये तक कर छूट)
रु. 10,00,001 से रु. 12,00,000
15%
रु. 12,00,001 से रु. 15,00,000 20%
15,00,000 रुपये से अधिक 30%

ओल्ड टैक्स रिजीम में क्या है टैक्स रेट?

आपको बता दें कि सरकार ने ओल्ड टैक्स रिजीम में कोई बदलाव नहीं किया है. ओल्ड टैक्स रिजीम में ढाई लाख रुपये तक कोई टैक्स नहीं है. इसके बाद ढाई लाख रुपये से 5 लाख रुपये तक की आय पर 5 फीसदी, 5-10 लाख रुपये की आय पर 20 फीसदी और 10 लाख रुपये से अधिक की आय पर 30 फीसदी का टैक्स बनेगा.

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ओल्ड टैक्स रिजीम या नया टैक्स स्लैब, किसमें मिलेगा फायदा?

उत्तर प्रदेश के लोगों को ओल्ड टैक्स रिजीम या नया टैक्स स्लैब में से किसमें फायदा मिलेगा? यह जानने के लिए हमने CA लोकमनी वार्ष्णेय से बातचीत की. CA लोकमनी के अनुसार, "ओल्ड टैक्स रिजीम आज भी फायदे का सौदा है. ओल्ड टैक्स रिजीम सरकार ने आज भी लागू कर रखी है. यूपी के लोग आज भी ओल्ड टैक्स रिजीम का लाभ उठा सकते हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम में हमें डिडक्शंस मिलती हैं, जो नए टैक्स स्लैब में नहीं हैं. ओल्ड टैक्स रिजीम में आप सेक्शन 80सी, सेक्शन 80डी, हाउसिंग लोन पर इंट्रेस्ट, हाउस रेंट आदि के बदले छूट पा सकते हैं. यानी सेक्शन 80सी में आप बच्चों के ट्यूशन फीस और एलआईसी, पीपीएफ, एनएसी जैसे निवेश पर अधिकतम 1.5 लाख रुपये की छूट हासिल कर सकते हैं, जो नए टैक्स स्लैब में संभव नहीं है."

 

 

उन्होंने कहा, "अगर नए टैक्स स्लैब में डिडक्शंस होती तो यह हमारे लिए सबसे बेस्ट साबित होता. मगर ऐसा नहीं है."

ओल्ड टैक्स स्लैब चुनने के लिए क्या करना होगा?

 

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CA लोकमनी ने बताया, "अभी भी लोगों के पास विकल्प है कि वे ओल्ड टैक्स रिजीम में जा सकते हैं. सरकार ने 2024-25 से नए टैक्स स्लैब को डिफॉल्ट टैक्स स्लैब लागू किया है. अगर किसी को पुराने टैक्स स्लैब में जाना है तो 31 जुलाई 2025 से पहले Form 10-IEA भरना होगा."

 

 

सरकार ने नया टैक्स स्लैब क्यों जारी किया?

इस सवाल के जवाब में CA लोकमनी ने कहा, "नया टैक्स स्लैब लाने का सरकार का उद्देश्य यह है कि लोगों को टैक्स देने की आदत लगे." 

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