अयोध्या: ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी मामले की जांच अब एसटीएफ करेगी

संतोष शर्मा

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अयोध्या में सरयू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ दरिंदगी का मामले हाईकोर्ट पहुंचने के बाद अब यूपी पुलिस भी काफी एक्टिव हो गई है. अब यह मामला जीआरपी, लोकल पुलिस के साथ एसटीएफ को भी सौंप भी दिया गया है. डीजीपी विजय कुमार ने यूपीतक से बातचीत में इसकी जानकारी दी है.

डीजीपी विजय कुमार ने कहा कि महिला कॉन्स्टेबल की तबीयत ठीक है, रिकवर कर रही है, जो अपराधी है उनको शीघ्र पकड़ा जाएगा. अभी इन्वेस्टिगेशन का डिटेल नहीं बताया जा सकता, लेकिन जल्द घटना का अनावरण होगा.

प्रयागराज स्थित इलाहाबाद हाईकोर्ट ने इस मामले में सोमवार को केंद्र और यूपी सरकार से जवाब तलब किया. कोर्ट में यूपी सरकार और रेलवे ने अपने-अपने जवाब दाखिल किए. वर्तमान में हाई कोर्ट जांच से संतुष्ट चल रही है. मामले में अब 13 सितंबर को अगली सुनवाई होगी. चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर और जस्टिस आशुतोष श्रीवास्तव की डिवीजन बेंच में मामले की सुनवाई हुई.

बता दें कि इलाहाबाद हाईकोर्ट ने स्वतः संज्ञान लेते इस मामले की सुनवाई शुरू की है. इलाहाबाद हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस प्रीतिंकर दिवाकर ने मीडिया में आई खबरों का खुद संज्ञान लेते हुए रविवार की रात को अपने घर पर एक विशेष अदालत बैठा दी और और सरजू एक्सप्रेस ट्रेन में महिला सिपाही के साथ भी दरिंदगी को लेकर पहले PIL कराई और फिर इस मामले पर देर रात सुनवाई कर डाली.

चीफ जस्टिस ने देर रात बुलाई अपनी स्पेशल बेंच में न सिर्फ नाराजगी जताई बल्कि स्वतः संज्ञान लेते हुए राज्य सरकार और रेलवे को नोटिस जारी किया था. साथ ही सोमवार 12:00 बजे दोबारा से इस मामले की सुनवाई का वक्त दिया था. इससे पहले हाई कोर्ट के वकील रामकुमार कौशिक ने इस मामले में पीआईएल दाखिल कर अपील की थी. हाई कोर्ट ने रविवार को छुट्टी होने के बावजूद रात के वक्त सुनवाई की.

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जानिए पूरा मामला क्या है?

बीते 29 अगस्त की सुबह 4:00 बजे अयोध्या रेलवे स्टेशन पर उस समय हड़कंप मच गया जब सरयू एक्सप्रेस की जनरल बोगी में सीट के नीचे महिला हेड कॉन्स्टेबल खून से लथपथ पड़ी मिली. जीआरपी के जवान मौके पर पहुंचे तो महिला हेड कॉन्स्टेबल के कपड़े अस्तव्यस्त थे. सीट के नीचे खून पड़ा था, चेहरे से खून से रिस रहा था.

आनन-फानन में महिला कॉन्स्टेबल को लखनऊ केजीएमसी में भर्ती कराया गया. 6 दिन बाद डॉक्टरो ने ऑपरेशन कर महिला कॉन्स्टेबल को तो बचा लिया लेकिन अभी वह बोलने की स्थिति में नहीं है.

ट्रेन के अंदर महिला कॉन्स्टेबल के ऊपर हुए इस जानलेवा हमले की घटना से हड़कंप मचा तो एसपी जीआरपी पूजा यादव, CO जीआरपी संजीव सिन्हा लगातार मनकापुर और अयोध्या रेलवे स्टेशन के बीच सुराग तलाश रहे हैं, कैंप कर रहे हैं.

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अब तक क्या पता चला

अब तक की तफ्तीश में पता चला है कि 29 अगस्त को प्रयागराज से चलकर मनकापुर तक आने वाली सरयू एक्सप्रेस पर सुमित्रा पटेल शाम 6.45 बजे फाफामऊ स्टेशन से चढ़ी थीं. ट्रेन करीब 12:00 बजे अयोध्या कैंट स्टेशन पहुंची जहां सुमित्रा पटेल को उतरना था क्योंकि सुमित्रा पटेल की हनुमानगढ़ी पर मेला में ड्यूटी लगाई गई थी.

देर रात होने के चलते आशंका जताई जा रही कि महिला कांस्टेबल की नींद लग गई और वह 1:00 बजे सरयू एक्सप्रेस से मनकापुर स्टेशन पहुंच गईं. चूंकि ट्रेन एक घंटा यार्ड में रुकने के बाद वापस अयोध्या आती है लिहाजा स्टेशन छूटने के चलते महिला कॉन्स्टेबल मनकापुर स्टेशन पर ट्रेन में ही रुकी रहीं, 1 घंटे बाद मनकापुर से सरयू एक्सप्रेस 3.05am पर चलती है और 3.45 पर अयोध्या स्टेशन पहुंची थी.

अयोध्या स्टेशन पर ही जीआरपी को सूचना मिलती है कि ट्रेन की जनरल बोगी में सीट के नीचे बहुत खून पड़ा है. पुलिसकर्मी ट्रेन के अंदर जाते हैं तो महिला कॉन्स्टेबल को बुरी तरीके से जख्मी हालत में बाहर निकल कर लाते हैं.

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बता दें कि 43 वर्ष महिला कॉन्स्टेबल सुमित्रा पटेल 1998 बैच की सिपाही हैं. स्पोर्ट्स कोटे से भर्ती हुई सुमित्रा पटेल प्रयागराज के भदरी सोरांव इलाके की रहने वाली हैं, जहां वह अपने दो भाइयों के साथ रहती हैं.

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