Hathras Stampede News: हाथरस जिले के सिकंदराराऊ क्षेत्र में आयोजित एक सत्संग में मंगलवार को जानलेवा भगदड़ के बाद यहां सरकारी अस्पताल के अंदर बड़ा ही हृदयविदारक और मार्मिक मंजर देखने को मिला. अस्पताल के अंदर बर्फ की सिल्लियों पर शवों को रखा गया जबकि पीड़ितों के विलाप करते परिजन शवों को घर ले जाने के लिए रात में बूंदाबांदी के बीच बाहर इंतजार कर रहे थे. यह हादसा पुलराई गांव में आयोजित प्रवचनकर्ता नारायण साकार हरि उर्फ भोले बाबा के सत्संग में हुआ. हादसे में मृतकों की संख्या 121 बताई है. अब सभी एक ही सवाल पूछ रहे हैं कि आखिर भोले बाबा कहां हैं?
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Hathras Bhagdad: हादसे के वक्त घटनास्थल पर मौजूद प्रत्यक्षदर्शियों ने पहले यूपी Tak को बताया था कि जब भोले बाबा निकल रहे थे, तो भीड़ उनके पैर छूने बढ़ी. इसी दौरान भगदड़ मच गई और लोग कुचले गए. बाबा यहां से निकल कर आखिर गए कहां? इस सवाल का जवाब भी यूपी Tak को मिला है. बताया जा रहा है कि घटनास्थल से निकल कर भोले बाबा मैनपुरी स्थित अपने प्रवास स्थल पर पहुंचे. यूपी Tak भी रात में इस प्रवास स्थल पर पहुंचा.
मैनपुरी के बिछवां में बाबा के प्रवास स्थल पर क्या दिखा?
हमारे रिपोर्टर ने मैनपुरी के बिछवां में भोले बाबा के प्रवास स्थल का जायजा लिया. बाबा के अनुयायी का दावा है कि बाबा जी अंदर ही हैं. यूपी Tak ने काफी प्रयास किया कि बात हो जाए लेकिन उन्होंने साफ मना कर दिया.रात में यहां फोर्स तैनात थी. पुलिस की एक गाड़ी दिखाई दी. प्रवास स्थल के अंदर काफी लोग बताए जा रहे हैं. पुलिस कह रही है कि उन्हें सुरक्षा के दृष्टि से यहां लगाया गया है लेकिन बाबा कहां हैं ये नहीं पता.
यूपी सरकार के मुख्य सचिव ने हादसे की ये वजह बताई
उधर यूपी सरकार के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह ने हाथरस में मची भगदड़ के संभावित कारणों में भीड़-भाड़ को प्रमुख माना है. भगदड़ के बाद मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह प्रदेश के पुलिस महानिदेशक( डीजीपी) प्रशांत कुमार के साथ मौके पर पहुंचे थे. मुख्य सचिव ने बताया कि 'भोले बाबा' (प्रवचनकर्ता) के वाहन के पीछे अनुयायी दौड़ रहे थे. यह भी कहा गया है कि लोग उनके जाने के बाद, वहां की मिट्टी लेकर पूजा करते हैं. नतीजतन, लोग झुकने लगे और बाद में वे गिर गए जिससे भगदड़ मची.
फिलहाल हाथरस में हुए हादसे में चौकी इंचार्ज पोरा, बृजेश पांडे की तरफ से एफआईआर दर्ज करवाई गई है. सिकंदराराऊ थाने में मुख्य सेवादार देव प्रकाश मधुकर व अन्य अज्ञात सेवादारों के खिलाफ केस लिखा गया है. FIR के मुताबिक सत्संग में 80 हजार लोगों के लिए अनुमति मांगी गई थी, लेकिन करीब 2.5 लाख लोग जुटे थे. एफआईआर में बताया गया है कि कार्यक्रम समाप्त होने के बाद भक्तों ने नारायण साकर हरि के काफिले के पहुंचने पर "धूल" लेने की कोशिश की. इस हंगामे में महिलाएं और बच्चे समागम स्थल से तीन मीटर दूर एक खेत में एक खाई में गिर गए. जब भीड़ खेत में घुसी तो भोले बाबा की निजी सुरक्षा में तैनात लोगों ने उन्हें रोका, जिसके कारण यह हंगामा हुआ. इसके अलावा जब भगदड़ हुई तो आयोजकों ने कोई मदद नहीं की.
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