अमेरिका से पीएचडी छोड़ लौटीं देश और बन गईं IPS! संभल की ASP अनुकृति की कहानी आपको देगी हौसला

हर्ष वर्धन

16 Oct 2024 (अपडेटेड: 16 Oct 2024, 04:25 PM)

IPS Anukriti Sharma Life Story: संभल जिले में तैनात एएसपी अनुकृति शर्मा की जीवन कहानी काफी प्रेरक है. इस खबर में आप उनके अमेरिका से लौटने के बाद आईपीएस बनने के पूरे सफर को जानिए.

IPS Anukriti Sharma Life Story

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IPS Anukriti Sharma Life Story: 'संकल्प में विकल्प नहीं होना चाहिए...' अमेरिका से पीएचडी को बीच में छोड़ आईं अनुकृति शर्मा और उनके पति वैभव मिश्रा के पास वाकई कोई दूसरा ऑप्शन नहीं था. आप सोच रहे होंगे आखिर अनुकृति और उनके पति वैभव ने यह कदम क्यों उठाया? वजह थी बदलाव. दोनों जब अमेरिका में पीएचडी कर रहे थे, तब उनके मन में देश प्रेम की एक ऐसी भावना पनपी कि उन्होंने पीएचडी को बीच में छोड़ भारत वापस आकर UPSC की तैयारी करने का फैसला किया. यह फैसला वाकई बड़ा और हिम्मत से लबरेज था. उनके इस फैसले का उन्हें आखिर इनाम भी मिला. अनुकृति 2020 बैच की आईपीएस अफसर बनीं और आज संभल जिले में एएसपी के पद पर तैनात हैं. इस बीच यूपी Tak ने IPS अनुकृति से खास बातचीत की है. उन्होंने हमें अपने बचपन से लेकर संभल जिले में मौजूदा तैनाती तक की पूरी कहानी तफ्सील से बताई है, जिसे आप खबर में आगे जान सकते हैं.

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अजमेर में हुआ जन्म फिर जयपुर में की पढ़ाई 

 

IPS अनुकृति शर्मा ने बताया कि 14 अक्टूबर 1987 को उनका जन्म राजस्थान जिले के अजमेर में हुआ था. उसके बाद उनका परिवार जयपुर शिफ्ट हो गया. IPS अनुकृति ने बताया कि क्लास 6th तक उन्होंने कैंडलविक पब्लिक स्कूल से पढ़ाई की. इसके बाद इंडो भारत इंटरनेशल स्कूल से उन्होंने 10वीं और 12वीं की पढ़ाई की. फिर साल 2007 में अनुकृति ने IISER Kolkata से ग्रेज्युशन और पोस्ट ग्रेज्युशन किया. यहां उनके उत्कृष्ट प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मेडल से भी नवाजा गया था. 

 

 

पढ़ाई के दौरान मिला जीवनसाथी...

IPS अनुकृति शर्मा ने यूपी Tak को बताया कि IISER Kolkata में उनकी मुलाकात वैभव मिश्रा से हुई. दोनों की दोस्ती प्यार में बदली. मगर दोनों की शादी का किस्सा भी बड़ा रोचक है. अनुकृति बताती हैं कि IISER Kolkata में पढ़ाई के दौरान उन्हें और वैभव को अमेरिका की राइस यूनिवर्सिटी से पीएचडी करने का सुनहरा मौका मिला. दोनों ने अमेरिका जाने का मन बनाया. लेकिन अनुकृति और वैभव के परिजन चाहते थे कि दोनों शादी करके ही अमेरिका के लिए रवाना हों. दोनों ने परिजनों की बात मानी और जुलाई 2012 में सगाई करने के बाद ही वे अमेरिका गए. इसके बाद वे जनवरी 2013 में भारत लौटे और शादी की. 

फिर बीच में छोड़ी पीएचडी

 

IPS अनुकृति बताती हैं कि वह साल 2013 का अंतिम समय था जब उनके और पति वैभव के मन में आया कि 'यहां अब बहुत हो गया...वापस भारत जाकर अपने देश और लोगों के लिए कुछ करना है.' जब उन्होंने यह बात अपने परिजनों को बताई तो स्वाभाविक तौर पर उन्होंने भारत आने से मना किया. राइस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसरों ने भी अनुकृति और वैभव को यह कदम न उठाने की सलाह दी. लेकिन दोनों के विचार अलग थे. उनके मन में बदलाव की लहर दौड़ चुकी थी. दोनों भारत आकर समाज के लिए कुछ करना चाहते थे. IPS अनुकृति ने बताया कि अमेरिका में रहते हुए ही उन्होंने UPSC की तैयारी शुरू कर दी. 

 

 

भारत आने का बाद शुरू हुआ संघर्ष का सफर

IPS अनुकृति शर्मा के अनुसार, साल 2014 में वह और उनके पति भारत लौट आए. यहां वाराणसी में अनुकृति की ससुराल है.  दोनों ने यहीं रहकर UPSC की तैयारी शुरू कर दी. अनुकृति ने बताया कि UPSC की अपनी तैयारी उन्होंने बिना किसी कोचिंग के जरिए की और साल 2014 में उन्हें इसका फल भी मिला. इस साल अनुकृति ने UPSC प्री का एग्जाम क्लियर किया, लेकिन आगे उन्हें सफलता नहीं मिली. फिर 2015 और 2016 में दिए गए अटेम्प्ट में अनुकृति को कामयाबी हाथ नहीं लगी. अब तक उनके 3 अटेम्प्ट बीत चुके थे. फिर आया साल 2017. यह वो साल था जब अनुकृति का चयन IRS के लिए हो गया. 355वीं रैंक लाकर अनुकृति शर्मा IRS बन गईं. 

सर्विस जॉइन कर उन्होंने लीव के लिए अप्लाई किया और फिर से UPSC की तैयारी शुरू कर दी. लेकिन साल 2018 के अपने पांचवें अटेम्प्ट में उनका UPSC प्री भी नहीं निकला. फिर 2019 में अनुकृति ने अपना आखिरी अटेम्प्ट दिया, जिसका नतीजा साल 2020 में आया. इस साल अनुकृति को वो कामयाबी हाथ लगी, जिसके लिए उन्होंने अथक संघर्ष किया. 138वीं रैंक लाकर अनुकृति IPS बन गईं. यह नतीजा तब आया जब अनुकृति ने IRS की ट्रेनिंग शुरू कर दी थी. 

 

 

पति कर रहे प्राइवेट कोचिंग में जॉब 

IPS अनुकृति ने हमें बताया कि उनके पति वैभव मिश्रा UPSC के इंटरव्यू राउंड तक पहुंचे, लेकिन उन्हें सफलता हाथ नहीं लगी. फिलहाल वह एक प्राइवेट कोचिंग इंस्टीट्यूट के साथ जुड़े हुए हैं. 

खुशियों के बीच में टूटा दुखों का पहाड़ 

 

IPS अधिकारी शर्मा ने बताया कि उनके आईपीएस बनने के बाद घर में सब खुश थे. मानों जीवन पटरी पर आ गया था. मगर साल 2021 में कुछ ऐसा हुआ जिसकी किसी को भी उम्मीद नहीं थी. इसी साल कोरोना महामारी के चलते अनुकृति की मां का निधन हो गया. यह दर्द असहनीय था. 

 

 

2022 में मिली पहली तैनाती

मालूम हो कि आईपीएस अनुकृति शर्मा को जनवरी 2022 में एसीपी लखनऊ के तौर पर पहली पोस्टिंग मिली. यहां अनुकृति की ओर से की गई पुलिसिंग की आज भी तारीफ होती है. बता दें कि यहां IPS अनुकृति ने 'पुलिस माई फ्रेंड' नामक एक प्रोग्राम शुरू किया. इसके तहत उन्होंने अपने थानाक्षेत्र के अंतर्गत लोगों के बीच पहुंच तमाम मीटिंग्स कीं. इस दौरान उन्होंने लोगों को बताया कि पुलिस उनकी दोस्त है. मसलन कभी भी परेशानी हो तो तुरंत पुलिस के पास आएं, घबराएं नहीं. मदद निश्चित मिलेगी. इस यूनीक प्रोग्राम को अनुकृति जिस भी जिले में जाती हैं, वहां उसे जारी रखती हैं. 

बुलंदशहर की पोस्टिंग रहेगी हमेशा याद!

लखनऊ में तकरीबन छह महीने बिताने के बाद जुलाई 2022 में सीओ (सिटी) के तौर पर अनुकृति को बुलंदशहर जिले में नई तैनाती मिली. यहां IPS अनुकृति ने बदमाशों की नकेल कसने में कोई कमी नहीं छोड़ी. चाहे भूमाफिया को नेपाल से ढूंढ़कर लाकर जेल की सलाखों के पीछे भेजना हो या सट्टा का अवैध धंधा करने वाले अपराधी को पकड़ना हो. आईपीएस अनुकृति अपने मिशन में कामयाब रहीं. यहां उन्होंने अपराधियों को तो सबक सिखाया ही बल्कि आम आदमी के दिल में भी जगह बनाई. आईपीएस अनुकृति ने यहां एक बुजुर्ग मुस्लिम महिला के घर बिजली कनेक्शन पहुंचाकर सुर्खियों में जगह भी बनाई थी. 

अब संभल में तैनात हैं IPS अनुकृति
 

आपको बता दें कि मौजूदा वक्त में आईपीएस अनुकृति साल 2024 के फरवरी महीने से एएसपी के पद पर संभल जिले में तैनात हैं. यहां पर भी 'पुलिस माई फ्रेंड' प्रोग्राम के जरिए लोगों के बीच पहुंच अपना संदेश दे रही हैं. साथ ही उन्होंने यहां एक ऐसा काम भी किया है, जिसकी जितनी तारीफ की जाए कम रहेगी. बता दें कि यहां गुन्नौर तहसील के काशीपुर गांव में एक ऐसा तालाब था जहां करीब 200-250 गैंगेटिक फ्रेश वाटर टर्टल (कछुए) मौजूद थे. 

 

जब आईपीएस अनुकृति को इस तालाब के बारे में पता चला उन्होंने गांव का दौरा किया. यहां आने पर उन्होंने तालाब की जर्जर हालत देखी. इसके बाद उन्होंने तालाब की तस्वीर बदलने की ठान ली. 23 अक्टूबर विश्व कछुआ दिवस के अगले दिन अनुकृति ने अपनी टीम और गांव वालों के सहयोग से तालाब की सफाई की. इसके बाद गांव वालों और गंगा (नदी) की सफाई करने वाली एक टीम ने इस तालाब में और सफाई की और फिर 5 जून को पर्यावरण दिवस के मौके पर यहां एक कार्यक्रम आयोजित किया गया. इस दिन दुनिया को पता चला कि इंसान अगर मन में कुछ ठान ले तो 'आसमान में भी सुराख हो सकता है.' तालाब की अच्छी हालत देख गांव वालों में इस दिन खुशी की लहर थी. 

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