Al-Qaeda terrorists Asim Umar News: अल कायदा के मीडिया विंग As-Sahab ने संगठन के इंडिया इन सबकॉन्टिनेंट के चीफ रहे मौलाना असीम उमर उर्फ सनाउल हक का पहली बार वीडियो जारी किया है, जिससे सुरक्षा एजेंसियों के बीच हड़कंप मच गया है. सामने आए वीडियो में मौलाना असीम उमर हिंदी में बात करता हुआ नजर आ रहा है. दरअसल, इससे पहले मौलाना असीम उमर को साल 2019 में अफगानिस्तान में अमेरिकी फौज ने मार गिराने का दावा किया था. मगर अचानक से उसका वीडियो सामने आने के बाद सुरक्षा एजेंसी अलर्ट हो गई हैं. आपको बता दें कि असीम उमर का यूपी के संभल से कनेक्शन रहा है. दरअसल, असीम उमर साल 1992-93 के आस पास संभल से अचानक गायब हो गया था और वह यहीं का ही रहने वाला था. बाद में इसके पाकिस्तान में होने की खबर मिली थी.
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मौलाना असीम ने की थी देवबंद में पढ़ाई
अब आपके मन में एक सवाल आ रहा होगा कि एक आतंकी जिसकी मौत का दावा 5 साल पहले किया जा चुका है उसका वीडियो अल कायदा ने जारी क्यों किया? दरअसल वीडियो में दिख रहे अल कायदा इंडिया इन सबकॉन्टिनेंट के चीफ के तार सीधे सीधे भारत से जुड़े हुए हैं. भारत की सेंट्रल एजेंसियों ने जांच के बाद इस बात का खुलासा किया था कि मौलाना असीम उमर भारत का रहने वाला था और उसका असली नाम सनाउल हक था.अल कायदा द्वारा जारी किए गए इस वीडियो में हिंदी में जेहाद की जरूरतें और उसकी बारीकियों को समझाने वाला आतंकी मौलाना असीम उमर उर्फ सनाउल हक उत्तर प्रदेश के संभल का रहने वाला था. मौलाना असीम उमर उर्फ सनाहुल हक देवबंद में पढ़ाई कर चुका था.
2014 में असीम उमर बना था अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट चीफ
मिली जानकारी के अनुसार, साल 2014 में अल कायदा चीफ अयमान अल जवाहिरी ने अल कायदा इन इंडियन सबकॉन्टिनेंट की नई ब्रांच के खोले जाने का एलान किया था और इसका चीफ मौलाना असीम उमर को बताया था. साल 2014 के बाद से मौलाना असीम उमर सोशल मीडिया पर पूरी तरह एक्टिव हुआ था और लगातार भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के खिलाफ जहर उगलता रहता था. नौजवानों को जेहाद की तरफ आगे बढ़ने के लिए प्रेरित की जाने वाली उसकी तकरीरों से भारत और पड़ोस देश बांग्लादेश में कई आतंकियों को पैदा कर दिया, जिन्होंने कई आतंकी वारदातों को अंजाम दिया था.
अमेरिकी एजेंसियों ने पहली बार जारी की थी असीम उमर की तस्वीर
दिल्ली पुलिस समेत कई स्टेट में AQIS मॉड्यूल का खुलासा हुआ था. मगर अल कायदा ने कभी असीम उमर का असली चेहरा अपने किसी वीडियो में नहीं दिखाया था न उसकी फोटो ही कभी दुनिया के सामने आई थी. साल 2019 में अफगानिस्तान में मारे जाने के बाद पहली बार अफगानिस्तान की खुफिया एजेंसी ने असीम उमर का पहला असली फोटो जारी किया था. मगर मौत के दावे के तकरीबन 5 साल बाद भारत से ताल्लुक रखने वाले एक आतंकी का वीडियो पहली बार जारी करना और वीडियो में उसका हिंदी में बात करना, जिहाद की जरूरत क्यों है इसके बारे में बताना ही भारत की खुफिया एजेंसियों के कान खड़े कर रहा है.
क्या इस सब के पीछे है ISI का हाथ?
सेंट्रल एजेंसियों को शक है की वीडियो के जरिए भारत में अल कायदा नए सिरे से अपनी पैर जमाना चाहता है, नौजवानों को रेडक्लाइज करना चाहता है. यहां ये भी बताते चलें कि पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI के भी अल कायदा संगठन में बड़े पैमाने पर दखल अंदाजी करती है. यहां तक कि ISI द्वारा अल कायदा मॉड्यूल को ऑपरेट करने के वक्त-वक्त पर सबूत मिलते रहे हैं, तो क्या हिंदी में बोल रहे आतंकी के इस वीडियो के पीछे ISI की भी कोई बड़ी चाल और साजिश है? खुफिया एजेंसी फिलहाल इस सवाल का जवाब तलाश रही हैं.
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