उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले में पुलिस ने चोरों का एक ऐसा गैंग पकड़ा है, जो वीआईपी तरीके से चोरी की घटनाओं को अंजाम देता था. पुलिस ने इस गैंग के तीन चोरों को गिरफ्तार किया है.
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क्या है पूरा मामला?
जानकारी के मुताबिक, ये सफारी कार से रेकी कर चोरी की घटनाओ को अंजाम देते थे, जिससे किसी को इनके ऊपर शक भी नहीं हो पाता था और ये तीनों आराम से चोरी कर रफू चक्कर हो जाते थे. पुलिस जिले में चोरी की घटनाओं से तंग थी. सीओ सदर सुमित त्रिपाठी और सफदरगंज पुलिस के थाना इंचार्ज बृजेश वर्मा ने इन चोरों को पकड़ कर इनके पास से सफारी कार, बाइक,अवैध तमंचों के साथ लाखों रुपये के चोरी के जेवरात और नकदी बरामद की है. सफारी कार से चोरी के इस अनोखे तरीके से पुलिस खुद भी हैरान थी.
गाड़ी के अंदर ही निकाल देते थे कपड़े
पुलिस के मुताबिक, इस गिरोह ने 13 मई को सफदरगंज के बाबा का पुरवा और 24 मई को औलिया लालपुर के अलावा फतेहपुर, असंद्रा, बड्डूपुर, बदोसराय के साथ ही सीतापुर और संतकबीरनगर जिलों में भी वारदातों को अंजाम दिया. चोरी के रुपयों से ही इन्होंने पुरानी सफारी खरीदी और इसी गाड़ी से घूमकर चोरी करते थे. यही नहीं, ये तीनो चोर इतने शातिर थे कि वारदात से पहले सफारी गाड़ी के अंदर ही कपड़े निकाल देते थे, ताकि लोगों को लगे कि कच्छा-बनियान गिरोह वारदात को अंजाम दे रहा है.
पुलिस ने क्या कहा?
इस मामले को लेकर अपर पुलिस अधीक्षक अखिलेश नारायण सिंह ने बताया कि पुलिस टीम ने मैनुअल इंटेलीजेंस और डिजिटल डेटा की मदद से सीतापुर के छोटी ग्वारी चमरिहा थाना थानगांव निवासी सरगना पप्पू गौतम, ग्वारी मजरे लोनियनपुरवा थाना थानगांव के ही निवासी मोनू लोनिया और रामविजय लोनिया को मुश्कीनगर गांव के पास गिरफ्तार कर लिया. इनकी निशानदेही पर पुलिस ने 48 हजार रुपये, एक सफारी गाड़ी, एक बाइक, तीन तमंचा और जेवर बरामद किए हैं.
उन्होंने बताया कि ये तीनों चोर इतने शातिर थे कि वारदात से पहले सफारी गाड़ी के अंदर ही कपड़े निकाल देते थे, ताकि लोगों को लगे कि कच्छा-बनियान गिरोह वारदात को अंजाम दे रहा है और कोई इन लोगों पर शक न कर सके.
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