बरेली जिले के बिलौआ गांव में एक व्यक्ति के प्रेम विवाह करने से नाराज गांव वालों ने उसकी 40 वर्षीय मां की दौड़ा-दौड़ा कर कथित तौर पर लाठी डंडों से पिटाई की, जिससे उसकी मौत हो गई. महिला के पति ने किसी तरह वहां से भागकर जान बचाई.
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पुलिस ने रविवार को यह जानकारी दी. पुलिस ने मामले में सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर विधिक प्रक्रिया पूरी करने के बाद उन्हें जेल भेज दिया है.
फरीदपुर के क्षेत्राधिकारी एसके राय ने बताया कि मृतक महिला चमेली के पति बालकराम कश्यप की तहरीर पर पुलिस ने सुसंगत धाराओं में मामला दर्ज कर सभी छह आरोपियों को गिरफ्तार कर रविवार को ही जेल भेज दिया है और चमेली का शव पोस्टमॉर्टम कराने के बाद परिजन के सुपुर्द कर दिया गया है.
बालकराम कश्यप ने पुलिस को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि साल भर पहले उनके बेटे सोनू ने गांव की ही एक लड़की सुमन से घर से भागकर शादी कर ली थी. तभी से सुमन का परिवार उनसे रंजिश रखता था. इसी डर से उन लोगों ने गांव छोड़ दिया था.
उन्होंने बताया कि शुक्रवार को ही वह अपनी पत्नी चमेली के साथ गांव पहुंचे और शाम करीब चार बजे वह पत्नी चमेली के साथ राशन लेने जा रहे थे, तभी रास्ते में लाठी डंडा लेकर लड़की के पिता मुलायम, मुनीश, गुरुदेव, रामबाबू, रक्षपाल और शैलेंद्र ने उन पर हमला कर दिया.
आरोप है कि बालकराम तो मौके से जान बचाकर भाग निकले, लेकिन उनकी पत्नी चमेली की उन लोगों ने पीट-पीटकर हत्या कर दी. पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में चमेली के सिर समेत पूरे शरीर पर चोटों के निशान होने की बात सामने आई है.
बालकराम कश्यप ने बताया कि उनकी बहू सुमन के परिजन भी उनकी बिरादरी के हैं, लेकिन वे इस शादी के लिए तैयार नहीं थे. 2020 में जब सुमन और सोनू ने घर छोड़ा था तब सोनू जेल गया था. इसके बाद उन लोगों ने गांव छोड़ दिया और जयपुर में रहकर मजदूरी करने लगे.
बालकराम के मुताबिक, 11 महीने जेल में रहने के बाद सोनू जमानत पर बाहर आया, तो सुमन फिर उसके साथ चली गई. उसने अदालत में सोनू के पक्ष में बयान दिए. इसके बाद दोनों जयपुर चले गए. इससे रंजिश और ज्यादा गहरी हो गई. मिली जानकारी के अनुसार, शुक्रवार को ही बालकराम अपने पिता से मिलने पत्नी चमेली के साथ गांव आए थे.
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