यूपी एसटीएफ ने कार एजेंसी मालिक बनकर यूपी से लेकर हैदराबाद तक बैंकों को करोड़ों का चूना लगाने वाले गैंग को दबोचा है. यूपी एसटीएफ ने लखनऊ के गाजीपुर इलाके से 3 ठगों को गिरफ्तार किया है. फिलहाल गैंग के तीन अन्य मेंबर फरार हैं, जिनकी तलाश की जा रही है.
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बीते साल सितंबर 2021 को लखनऊ के गाजीपुर इलाके में स्टेट बैंक ऑफ इंडिया की चीफ मैनेजर स्वाति अग्रवाल ने एक एफआईआर दर्ज कराई दर्ज कराई थी.
एफआईआर में कहा गया था कि उनके पास KIA मोटर्स के डायरेक्टर नवनीत पांडे ने फोन किया और कहा कि इमरजेंसी है कर्मचारियों के इलाज के लिए पैसे चाहिए और चेक बुक खत्म हो गई है. वह कंपनी के लेटर हेड पर दो लेटर व्हाट्सएप कर रहे हैं. जिनके आधार पर उनके चार कर्मचारियों के खाते में बताई रकम ट्रांसफर कर दी जाए.
स्वाति अग्रवाल को नवनीत पांडे के नाम पर लेटर मिले और उन्होंने बैंक और कर्मचारी के बीच भरोसे के रिश्ते को कायम रखने के लिए 33 लाख,20 हजार, 36 रुपये ट्रांसफर कर दिए. लेकिन जैसे ही यह रकम ट्रांसफर की गई. स्वाति अग्रवाल के मोबाइल पर असली नवनीत पांडे ने फोन कर कहा कि उनके खाते से रकम कैसे कटी.
मामला बताया गया तो उन्होंने साफ कहा कि उनके द्वारा ना तो कोई लेटर जारी किया गया और ना ही उन्होंने किसी कर्मचारी के बैंक खाते में रकम ट्रांसफर करवाई है.
घटना के सामने आने के बाद स्वाती अग्रवाल ने इस मामले में लखनऊ के गाजीपुर थाने में एफआईआर दर्ज करवाई. मामले की जांच यूपी एसटीएफ को सौंपी गई और यूपी एसटीएफ ने इस मामले में बुलंदशहर के विजय कुमार प्रजापति, गाजियाबाद के प्रदीप शर्मा और दिल्ली के रहने वाले अमीरुद्दीन को गिरफ्तार कर लिया है.
यूपी एसटीएफ ने पूछताछ की तो पता चला कि यह गैंग पहले गूगल से कार एजेंसी के नंबर निकालता है. फिर कार खरीदने के नाम पर एजेंसी मालिक का नाम उसका नंबर और एजेंसी के बैंक डिटेल हासिल कर लेता है.
फर्जी नाम पते पर हासिल किए गए सिम और मोबाइल पर कार एजेंसी मालिक की फोटो की डीपी लगाकर यह बैंक मैनेजर को एजेंसी मालिक बंद कर कॉल करते हैं और इमरजेंसी बताकर उनके बैंक खाते में जमा रकम कर्मचारियों के खाते में ट्रांसफर करने का अनुरोध करते और भरोसा जीतने के लिए गैंग फर्जी तरीके से बनाए गए कार एजेंसी के लेटर हेड पर फर्जी लेटर बनाकर बैंक मैनेजर को भेज देते थे.
जैसे ही बैंक मैनेजर भरोसा कर रखा उसके बताए खाते में ट्रांसफर करता दूसरे शहरों में मौजूद गैंग के अन्य लोग एटीएम से पूरी रकम निकाल लेते. इस गैंग के द्वारा ना सिर्फ लखनऊ बल्कि हैदराबाद, छत्तीसगढ़, गाजियाबाद के कई बैंकों को चूना लगाया जा चुका है. अब तक इस गैंग के द्वारा लगभग 30 बैंकों को करोड़ों का चूना लगाया गया है.
पूछताछ में पता चला है कि इस गैंग में बैंक की बारीकियों को समझने वाला एक बैंक का बर्खास्त कर्मचारी कपूर चाचा और साइबर एक्सपर्ट साहिल और एक अन्य व्यक्ति भी शामिल हैं. ये तीनों फिलहाल फरार हैं. यूपी एसटीएफ गैंग के फरार सदस्यों की तलाश में जुट गई है.
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