20 हजार रुपये के मोबाइल के लिए दो लड़कों ने नाबालिग लड़की को बेचा, फिर तीन ने किया ‘गैंगरेप’

विनय कुमार सिंह

15 Mar 2023 (अपडेटेड: 15 Mar 2023, 11:54 AM)

उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और यूपी पुलिस के महिला और लड़कियों की…

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उत्तर प्रदेश में महिलाओं और लड़कियों के खिलाफ अपराध थमने का नाम नहीं ले रहा है. सरकार और यूपी पुलिस के महिला और लड़कियों की सुरक्षा के तमाम दावों के बावूजद भी रेप की घटनाएं थमने का नाम नहीं रही हैं. ताजा मामला गाजीपुर जिले से सामने आया है. यहां नाबालिग लड़की के साथ कथित तौर पर गैंगरेप करने के मामले में पुलिस ने बुधवार को चार नाबालिग समेत पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. थाना कोतवाली सैदपुर क्षेत्र अंतर्गत एक गांव का यह मामला है.

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क्या है पूरा मामला?

गाजीपुर के एसपी ओमवीर सिंह के अनुसार, 5 मार्च को बाल अपचारी विरेन्द्र कुमार (परिवर्तित नाम) ने बाल अपचारी विजय कुमार (परिवर्तित नाम) के साथ मिलकर नाबालिग लड़की को वाराणसी घूमाने ले गए. दोनों नाबालिग लड़की को चौबेपुर ले गए, जहां इनके तीन दोस्त-शैलेश कुमार, बालक अपचारी शिवांश (परिवर्तित नाम) और राहुल (परिवर्तित नाम) दो मोटर बाइक से मिले.

एसपी ने बताया कि विरेन्द्र और विजय दोनों ने नाबालिग लड़की को अपने दोस्तों को सौंप कर वापस आ गए. शैलेश, शिवांश और राहुल तीनों ने नाबालिग बालिका को वाराणसी में ही हाईवे के किनारे एक खेत में ले जाकर उसके साथ कथित तौर पर गैंगरेप किया और दिन भर उसे वाराणसी घूमाते रहे.

एसपी ओमवीर सिंह के मुताबिक, पकड़े जाने से बचने के लिए आरोपियों ने नाबालिग लड़की को वाराणसी के विश्व सुन्दरी पुर पर ले जाकर पुल से गंगा नदी में नीचे फेंक दिया. नदी में मछली पकड़ रहे मल्लाहों ने नाबालिग को बचाकर स्थानीय पुलिस चौकी नगवां को सूचना दी. जहां से उसे बीएचयू ट्रामा सेंटर वाराणसी में भर्ती कराया गया.

गाजीपुर एसपी के अनुसार, लड़की के होश में आने पर उसके द्वारा फोन नंबर बताने पर उसके घर सूचना दी गई, जहां से 6 मार्च को लड़की को इलाज के बाद परिजनों को सौंप दिया गया. बालिका के सदमें में होने के कारण और परिजनों द्वारा लोक लज्जा से भी भयभीत होने के कारण 12 मार्च को 5 आरोपियों को नामजद करते हुए उनके खिलाफ केस दर्ज कराया.

एसपी ओमवीर सिंह ने बताया कि गिरफ्तारी के बाद आरोपियों से पूछताछ में नाबालिक वीरेन्द्र कुमार ने बताया कि उसे मोबाईल फोन खरीदने के लिए रुपये की जरुरत पड़ी, इस वजह से अपने तीनों दोस्तो से 20 हजार रुपये मिलने की लालच में नाबालिग को उन्हें सौंपा था. सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायालय किशोर न्याय बोर्ड के आदेश पर पुलिस हिरासत में जेल भेजा गया है.

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