उत्तर प्रदेश के झांसी में आर्थिक तंगी के चलते एक किसान ने आत्महत्या कर ली. बताया जा रहा है कि फसल बर्बादी और अधिक कर्ज के चलते किसान काफी परेशान था और तंग आकर उसने ऐसा खौफनाक कदम उठाया. वहीं यह भी बताया जा रहा है कि किसान की एक बेटी थी, जिसका इलाज कराते हुए किसान कर्जे में डूब गया था. इसलिए उसने अपने ही खेत में फंदा लगाकर फांसी लगा ली.
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बता दें कि मामला जनपद झांसी ब्लाक बंगरा के गांव विजरवारा का है. यहां 80 साल के विनु अहिरवार ने खेत के एक पेड़ पर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली.
जानकारी के मुताबिक पहले से कर्जे के कारण परेशान विनु इस साल खरीफ की फसल बर्बाद होने के बाद और ज्यादा टेंशन में आ गया था. मृतक किसान के दामाद गंगा प्रसाद अहिरवार ने ने बताया, ‘ मेरे ससुर खेती किसानी करके जीवन-यापन करते थे. इनकी पत्नी भूरी देवी का 3 साल पहले ही देहांत हो चुका है. मृतक किसान की एक एक बेटी थी, जो कैंजो कैंसर से पीड़ित थी. उसके इलाज के लिए काफी कर्ज लिया था. विनु की एक ही बेटी थी, जिसका निधन 1 साल पहले हो गया था.
वहीं इस साल किसान के उपर एक और संकट के बादल मडंराने लगे थे. किसान की खरीफ की फसल भी नष्ट हो गई थी, किसान काफी टेंशन में था. इसी टेंशन के चलते किसान ने जीवन लीला समाप्त कर ली. कांग्रेस नेता शिवनारायण सिंह परिहार ने मुख्यमंत्री एवं जिला प्रशासन से मृतक किसान के परिजनों को मुआवजा दिलाए जाने की मांग की है. कांग्रेस नेता ने कहा कि बुंदेलखंड में किसानों की बदहाली निरंतर जारी है. बुंदेलखंड किसानों की कब्रगाह बनी हुई है.
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