कन्नौज (Kannauj news) में ढाई साल पहले तिर्वा कोतवाली में एक शिक्षक की कथित कस्टडी मौत के मामले में जांच कर रही एसआईटी ने तत्कालीन इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है. हाईकोर्ट के आदेश पर गठित हुई एसआईटी ने कस्टोडियल डेथ के मामले में पुलिस कर्मियों को लापरवाही का दोषी माना है. आपको बता दें कि 20 मार्च 2020 को कन्नौज के तिर्वा कोतवाली में पेशे से शिक्षक पर्वत सिंह की पुलिस कस्टडी में मौत हो गई थी. बताया गया पर्वत सिंह नेतिर्वा कोतवाली के शौचालय में फांसी लगाकर जान दे दी.
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हालांकि परिवार की तरफ से इस मामले में मृतक शिक्षक की पत्नी और उसके साले समेत तीन लोगों पर आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने का आरोप लगाकर एफआईआर दर्ज कराई गई थी. उत्तर प्रदेश शासन के आदेश पर मामले की विवेचना सीबीसीआईडी को सौंपी गई. सीबीसीआईडी ने जांच करने के बाद पाया कि तत्कालीन प्रभारी इंस्पेक्टर टीपी वर्मा ने अवैध रूप से पर्वत सिंह को पुलिस कस्टडी में रखा था. हिरासत में लेने के बाद भी इंस्पेक्टर ने कोई कार्रवाई नहीं की. ड्यूटी पर तैनात हेड मुहर्रिर ने थाने में दी गई तहरीर पर कोई कार्रवाई नहीं की.
इतना ही नहीं पुलिस हिरासत के दौरान ड्यूटी पर तैनात कॉन्स्टेबल अरुण कुमार ने ड्यूटी पर लापरवाही बरती जिसके चलते शिक्षक पर्वत सिंह ने पुलिस कस्टडी में आत्महत्या कर ली. सीबीसीआईडी ने इस मामले में तत्कालीन इंस्पेक्टर टीपी वर्मा, हेड कॉन्स्टेबल राधेश्याम और कॉन्स्टेबल अरुण कुमार को सरकारी कामकाज में लापरवाही बरतने आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने की धाराओं में आरोपी बनाया.
इस मामले की विवेचना कर रहे इंस्पेक्टर कोतवाली विकास राय पर आरोप लगा कि उन्होंने बिना फॉरेंसिक लैब की विसरा रिपोर्ट आए ही अंतिम रिपोर्ट लगा दी. सीबीसीआईडी जांच में दोषी पाए जाने की भनक लगते ही तत्कालीन इंस्पेक्टर ने हाई कोर्ट की लखनऊ बेंच में गुहार लगाई और निष्पक्ष विवेचना के लिए एसआईटी से जांच करवाने की मांग रखी. हाईकोर्ट के आदेश पर एसआईटी ने जांच की.
इसके बाद अब एसआईटी ने लखनऊ स्थित अपने थाने में इंस्पेक्टर समेत चार पुलिसकर्मियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए प्रताड़ित करने समेत कई धाराओं में एफआईआर दर्ज कर ली है.
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