लखीमपुर खीरी के तिकुनिया में 3 अक्टूबर को हुई हिंसा के मामले में FSL रिपोर्ट के आधार पर एक बड़ी बात सामने आई है.
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सूत्र से मिली जानकारी के मुताबिक, लखीमपुर खीरी हिंसा मामले में आरोपी अंकित दास और आशीष मिश्रा के लाइसेंसी असलहा की बैलेस्टिक रिपोर्ट में फायरिंग की पुष्टि हुई है.
आपको बता दें कि लखीमपुर पुलिस ने अंकित दास की रिपीटर गन, पिस्टल और आशीष मिश्रा की राइफल और रिवॉल्वर को जब्त किया था.
मामले में सुप्रीम कोर्ट कर चुका है सख्त टिप्पणी
सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार, 8 नवंबर को कहा कि वह नहीं चाहता कि उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से गठित एक सदस्यीय न्यायिक आयोग लखीमपुर खीरी हिंसा मामले की जांच जारी रखे. बता दें कि लखीमपुर खीरी के तिकुनिया इलाके में तीन अक्टूबर को हुई घटना में चार किसानों सहित आठ लोगों की मौत हो गई थी.
उत्तर प्रदेश सरकार ने लखीमपुर खीरी जिले में हुई हिंसा की जांच के लिए इलाहाबाद हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज जस्टिस प्रदीप कुमार श्रीवास्तव को नामित किया था.
चीफ जस्टिस एनवी रमण, जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस हिमा कोहली की बेंच ने वीडियो कॉन्फ्रेंस के जरिए हुई सुनवाई में राज्य सरकार को सुझाव दिया कि इस जांच की निगरानी किसी ‘अन्य हाई कोर्ट’ के पूर्व न्यायाधीश द्वारा की जानी चाहिए ताकि ‘स्वतंत्रता और निष्पक्षता’ को बढ़ावा दिया जा सके.
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