कानपुर के कारोबारी मनीष गुप्ता की गोरखपुर के एक होटल में हुई संदिग्ध मौत के मामले में उत्तर प्रदेश की भूमिका पर एक बार फिर सवाल खड़े हो हुए हैं. मृत कारोबारी मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने यूपी पुलिस पर जांच में लापरवाही का आरोप लगाते हुए सुप्रीम कोर्ट का रुख़ किया है. चीफ़ जस्टिस की बेंच इस मामले की त्वरित सुनवाई के लिए राजी भी हो गई है.
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मनीष गुप्ता की पत्नी मीनाक्षी ने इस मामले की त्वरित और सीबीआई जांच की मांग करते हुए सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है. इस मामले में वकील ने चीफ़ जस्टिस की बेंच को बताया है कि मुख्यमंत्री ने पीड़ित परिवार से मुलाक़ात की थी. सरकार ने आश्वासन दिया था कि इस मामले में सीबीआई जांच कराई जाएगी, लेकिन अब तक कुछ नहीं हुआ.
पत्नी की तरफ़ से आरोप लगाया गया है कि उन्हें होटल में घटनास्थल के पास फ़र्निचर के नीचे खून से सना कपड़ा मिला था, लेकिन इसे पुलिस जांच टीम ने अपने क़ब्ज़े में नहीं लिया.
बता दें कि यूपी सरकार ने इस मामले की जांच केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) से कराने की संस्तुति करते हुए केंद्र सरकार को एक अक्टूबर को प्रस्ताव भेजा था. राज्य सरकार ने यह भी तय किया कि जब तक सीबीआई जांच को अपने हाथ में नहीं ले लेती तब तक मामले की जांच कानपुर में स्थानांतरित की जाएगी, जहां विशेष जांच दल (एसआईटी) जांच करेगी.
क्या है मामला?
27-28 सितंबर की रात को गोरखपुर के एक होटल में पुलिस की दबिश के बाद कानपुर के कारोबारी मनीष की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई थी. मनीष के दोस्तों और परिजनों का आरोप है कि पुलिस की पिटाई की वजह से मनीष की मौत हुई.
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